प्रदूषण सबसे बड़ी चुनौती। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
ठाणे: केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने जीवाश्म ईंधन से वैकल्पिक ऊर्जा स्रोतों की ओर बढ़ने की तत्काल आवश्यकता पर जोर देते हुए सोमवार को कहा कि प्रदूषण भारत की सबसे बड़ी चुनौती है और परिवहन क्षेत्र इसमें प्रमुख योगदान देता है। उन्होंने कहा कि जीवाश्म ईंधन पर भारत की निर्भरता एक आर्थिक बोझ है क्योंकि ईंधन आयात पर प्रतिवर्ष 22 लाख करोड़ रुपये खर्च होते हैं, तथा यह पर्यावरणीय खतरा भी है, जिससे देश की प्रगति के लिए स्वच्छ ऊर्जा को अपनाना महत्वपूर्ण हो जाता है।
ठाणे में पर्यावरण अनुकूल इलेक्ट्रिक साइकिल की शुरुआत के अवसर पर सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री ने कहा कि बढ़ते शहरीकरण को देखते हुए साइकिलिंग को एक टिकाऊ शहरी परिवहन विकल्प के रूप में बढ़ावा देने की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि भारत का ऑटोमोबाइल क्षेत्र तेज वृद्धि की बदौलत 2014 के बाद से जापान को पीछे छोड़ते हुए वैश्विक स्तर पर तीसरा सबसे बड़ा क्षेत्र बन गया है। उन्होंने कहा कि 2030 तक भारत इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) उत्पादन में दुनिया का अग्रणी देश बन जाएगा, जिसका वैश्विक ऑटो बाजार पर महत्वपूर्ण प्रभाव पड़ेगा।
केंद्रीय मंत्री ने इलेक्ट्रिक वाहनों को अधिक किफायती बनाने और उन्हें पारंपरिक ईंधन चालित वाहनों के मूल्य समतुल्य बनाने के लिए लिथियम-आयन बैटरी की कीमतों में कमी (अब 100 अमेरिकी डॉलर प्रति किलोवाट घंटा) को श्रेय दिया। गडकरी ने कहा की प्रदूषण हमारे देश की सबसे बड़ी चुनौती है और परिवहन क्षेत्र इसमें सबसे ज्यादा योगदान देता है। उन्होंने कहा कि बिजली और वैकल्पिक ईंधन की ओर बदलाव न केवल पर्यावरणीय आवश्यकता है, बल्कि आर्थिक अनिवार्यता भी है।
📍𝐓𝐡𝐚𝐧𝐞
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— Nitin Gadkari (@nitin_gadkari) March 31, 2025
गडकरी ने कहा कि भारत में इंजीनियरिंग क्षेत्र की युवा प्रतिभा ईवी प्रौद्योगिकी और वैकल्पिक ईंधन में नवाचारों के पीछे प्रेरक शक्ति है। उन्होंने कहा कि स्टार्टअप महत्वपूर्ण सफलताएं हासिल कर रहे हैं, जिससे भारत हरित ऊर्जा क्रांति में सबसे आगे आ रहा है। उन्होंने भारत में निर्मित इलेक्ट्रिक दोपहिया वाहनों की बढ़ती अंतरराष्ट्रीय मांग पर भी जोर देते हुए कहा कि यह निर्यात का बढ़िया अवसर है, जिससे अर्थव्यवस्था को बढ़ावा मिल सकता है और भारत के व्यापार संतुलन में सुधार हो सकता है। गडकरी ने कहा कि ध्यान देने का एक अन्य प्रमुख क्षेत्र जैव ईंधन है।
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गडकरी ने कृषि अपशिष्ट को जैव-सीएनजी और जैव-विमानन ईंधन सहित जैव ईंधन में परिवर्तित करने की सरकार की पहल का भी उल्लेख किया जिससे किसान ऊर्जा प्रदाता बन सकेंगे। उन्होंने कहा कि इस बदलाव से न केवल ग्रामीण क्षेत्र की आय बढ़ेगी, बल्कि प्रदूषण भी कम होगा और ईंधन आयात लागत में भी कमी आएगी। उन्होंने कहा कि किसान अब केवल अन्नदाता नहीं रहेंगे-वे ऊर्जा प्रदाता भी होंगे। उन्होंने पारंपरिक ईंधन पर निर्भरता कम करने के उद्देश्य से जैव ईंधन परियोजनाओं पर प्रकाश डाला।
मंत्री गडकरी ने साइकिल को एक स्थायी शहरी परिवहन विकल्प के रूप में बढ़ावा देने की अपील की। उन्होंने कहा कि बढ़ते शहरीकरण के साथ, सड़क सुरक्षा में सुधार और शहरों में भीड़ कम करने के साथ-साथ पर्यावरण के अनुकूल यात्रा को प्रोत्साहित करने के लिए साइकिलिंग को लेकर बुनियादी ढांचे की आवश्यकता है।