प्रमोद पवार का नीलेश सांवरे पर हमला (pic credit; social media)
Pawar Attack on Nilesh Sanware: भिवंडी-वाड़ा रोड की हालत पिछले कई वर्षों से खराब बनी हुई है, जिससे इस मार्ग पर लगातार हादसे और आकस्मिक मौतें होती रहती हैं। भिवंडी-वाड़ा रोड जन आंदोलन समिति के संयोजक और सामाजिक कार्यकर्ता प्रमोद पवार ने शनिवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि इस सड़क की बदहाली के लिए शिंदे सेना के उप नेता नीलेश सांवरे जिम्मेदार हैं।
पवार ने आरोप लगाया कि नीलेश सांवरे की जिजाऊ कंस्ट्रक्शन कंपनी ने भिवंडी-वाड़ा रोड की मरम्मत के लिए आवंटित 46 करोड़ रुपये के ठेके में अधिकारियों के साथ मिलीभगत कर करोड़ों रुपये का गबन किया। उन्होंने कहा कि सरकारी रिकॉर्ड के अनुसार इस सड़क पर अब तक 88 लोग अपनी जान गंवा चुके हैं, लेकिन स्थानीय लोगों के अनुसार वास्तविक संख्या 500 से अधिक है।
प्रमोद पवार ने चेतावनी दी कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं, तब तक वे भूख हड़ताल जारी रखेंगे। उन्होंने बताया कि 30 सितंबर को अंबाडी नाका पर आमरण अनशन किया जाएगा। इस अवसर पर जन आंदोलन समिति के सदस्य सुनील लोग, असगर पटेल, सोमेश जावर, कल्पेश उर्फ बातू तोर, भूषण घोडविंदे, सुशांत चौधरी और मुकेश जोशी उपस्थित रहेंगे।
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पवार ने कहा कि भूख हड़ताल में मुख्य मांगें सड़क की मरम्मत के लिए श्वेत पत्र जारी करना, भ्रष्ट और गैर-जिम्मेदार अधिकारियों की काली सूची में डालना और सड़क को सुरक्षित बनाना शामिल है। उन्होंने स्पष्ट किया कि सड़क की खस्ता हालत के कारण रोजाना लोगों को जान का खतरा है और यह स्थिति तत्काल सुधार की मांग करती है।
सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि यदि सरकार ने तत्काल कदम नहीं उठाए तो सड़क पर हादसों की संख्या बढ़ती रहेगी। पवार ने प्रशासन और राज्य सरकार से अपील की है कि वे नीलेश सांवरे और उनकी कंपनी के खिलाफ सख्त कार्रवाई करें और सड़क की मरम्मत पूरी पारदर्शिता के साथ सुनिश्चित करें।