उल्हासनगर ऑपरेशन ऑल आउट (pic credit; social media)
Operation All Out in Ulhasnagar: उल्हासनगर में बढ़ते अपराध और नवरात्रि पर्व पर सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए पुलिस ने बुधवार की रात एक बड़ा अभियान चलाया। ‘ऑपरेशन ऑल आउट’ नाम से हुई इस कार्रवाई में 42 पुलिस अधिकारी और 205 कर्मचारी शामिल रहे। पुलिस उपायुक्त सचिन गोरे के मार्गदर्शन और सहायक पुलिस आयुक्त अमोल कोली के प्रत्यक्ष नेतृत्व में चला यह ऑपरेशन आधी रात से तड़के 3 बजे तक चला।
इस दौरान शहर की सड़कों पर पुलिस का कड़ा पहरा दिखाई दिया। जगह-जगह नाका बंदी की गई और संदिग्धों की धरपकड़ शुरू हुई। लॉज, बार और संवेदनशील इलाकों में एक-एक जगह की तलाशी ली गई। पुलिस ने 104 लॉज और बारों का निरीक्षण किया। 136 हिस्ट्रीशीटर, गुंडे और निर्वासित व्यक्तियों से पूछताछ की गई। कार्रवाई के दौरान 35 लोगों को नोटिस जारी किए गए और दो वांछित आरोपियों को गिरफ्तार करने में पुलिस को सफलता मिली।
अभियान के दौरान पुलिस ने शराब, जुआ, ड्रग्स, हथियार और वारंट प्रवर्तन जैसे मामलों पर फोकस किया। हिस्ट्रीशीटरों और अपराधियों के अड्डों पर छापे मारे गए। देर रात शहर की गलियों और मुख्य रास्तों पर पुलिस की गश्त देख स्थानीय नागरिक भी हैरान रह गए। अचानक हुई इस व्यापक कार्रवाई ने अपराधियों में खौफ पैदा कर दिया।
व्यापारी वर्ग और स्थानीय नागरिकों ने इस कदम का स्वागत किया है। उनका कहना है कि इस तरह की कार्रवाई से न केवल अपराध पर लगाम लगेगी, बल्कि त्योहार भी सुरक्षित और शांतिपूर्ण तरीके से मनाए जा सकेंगे। नवरात्रि के दौरान शहर में बड़ी भीड़ जुटती है और पुलिस की यह सख्ती लोगों के लिए सुरक्षा की गारंटी जैसी है।
डीसीपी सचिन गोरे ने बताया कि यह अभियान आगे भी समय-समय पर चलाया जाएगा। पुलिस किसी भी हालत में अपराधियों को छूट नहीं देगी। वहीं, एसीपी अमोल कोली ने कहा कि जनता की सुरक्षा और शांति हमारी प्राथमिकता है और ‘ऑल आउट’ जैसी कार्रवाई अपराधियों को चेतावनी है कि शहर में उनकी जगह नहीं है।
शहर में चलाए गए इस ऑपरेशन ने एक बार फिर साबित कर दिया कि जब पुलिस सख्ती से मैदान में उतरती है, तो अपराधियों की नींद उड़ जाती है। उल्हासनगर की जनता अब चाहती है कि ऐसे अभियान नियमित रूप से चलें ताकि अपराध का ग्राफ नीचे आए और त्योहारों की रौनक बरकरार रहे।