ठाणे : राज्य के गृह निर्माण मंत्री डॉ. जितेंद्र आव्हाड (Dr. Jitendra Awhad) ने ठाणे के सरकारी विश्राम गृह (Government Rest House) में रेल मंत्री अश्विन वैष्णव (Ashwin Vaishnav) से मुलाकात की। उन्होंने रेल मंत्री (Railway Minister) को एक ज्ञापन भी दिया। इस ज्ञापन के साथ उन्होंने यह भी मांग की कि रेलवे ट्रैक (Railway Track) के किनारे बसे झोपड़ी धारकों (Hut Holders) के साथ किसी भी तरह का अन्याय नहीं होना चाहिए। साथ ही, शीर्ष अदालत ने फैसला सुनाया है कि यदि राज्य सरकार के पास पुनर्वास की योजना है, तो उसे योजना को मंजूरी और लागू करनी चाहिए। उनके अनुसार, गृह निर्माण मंत्री के रूप में, एसआरए के माध्यम से विकास किया जा सकता है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि राज्य का गृहनिर्माण विभाग समग्र रूप से निवासियों के पुनर्वास के लिए तैयार है।
आपको बतादें कि कुछ महीने पहले ही सुप्रीम कोर्ट ने रेल पटरियों के आसपास बसे झोपड़ा धारकों को हटाने का निर्देश रेल विभाग को दिया था। जिसके बाद रेल विभाग की तरफ से इन झोपड़ी धारकों को नोटस भेजा गया गया। कोर्ट के इस निर्णय से ठाणे, मुंबई और आपपास तकरीबन 5 लाख झोपड़ीधारकों पर बेघर होने की तलवार लटकने लगी है। इसके बाद से एनसीपी और शिवसेना केंद्र सरकार पर भड़क गई थी। राज्य के गृह निर्माण मंत्री जितेंद्र आव्हाड ने कल्याण, ठाणे, कलवा, दिवा, सहित अन्य रेलवे स्टेशन परिसर के साथ-साथ रेल पटरी के किनारे बसे झोपड़ी धारकों से मुलाकात उन्हें आश्वासित किया था और कहा था कि किसी भी हालत में वे उनके घरों पर बुलडोजर नहीं चलने देंगे।
इसी कड़ी में अब उन्होंने शुक्रवार को रेल मंत्री कमलेश वैष्णव से ठाणे सरकारी विश्राम गृह में मुलाकात की और गृह निर्माण मंत्रालय की तरफ से एक ज्ञापन भी दिया। जिसमें उन्होंने रेल पटरी के पास वर्षों से रह रहे झोपड़ा धारकों के प्रति मानवता की नजर से देखने की अपील करते हुए कहा कि केंद्र सरकार चाहे तो इन झोपड़ीधारकों को पक्के घर दिलाने अर्थात पुनर्वास के लिए राज्य का गृह निर्माण विभाग सहयोग करने के लिए तैयार है और इन झोपड़ी धारकों को एसआरए परियोजना के तहत घर उपलब्ध कराया जा सकता है। लेकिन केंद्र सरकार को मदद करनी होगी।