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भिवंडी: भिवंडी शहर में करीब सप्ताह भर से कचरा ढुलाई ठेकेदारों (Contractors) द्वारा शहर स्थित तय जगहों से कचरा नहीं उठाए जाने की वजह से समूचे शहर में कचरे (Garbage) का अंबार जमा हो गया है। कचरे की उठती बदबू की वजह से लोगों को सड़क से मुंह पर रुमाल रखकर जाने की मजबूरी हो गई है। शहर के नागरिकों की बार-बार शिकायत के बाद भी भिवंडी महानगरपालिका प्रशासन (Bhiwandi Municipal Administration) ठेकेदारों पर कोई सख्त कार्रवाई करने में असफल साबित हो रहा है।
गौरतलब है कि भिवंडी महानगरपालिका प्रशासन द्वारा करीब डेढ़ करोड़ रुपए प्रतिमाह में शहर के सभी तय जगहों से कचरा उठाकर डंपिंग ग्राउंड तक ले जाने के लिए आरएंडबी इंफ्रा लिमिटेड (बोरीवली)को ठेका दिया गया है। कचरा ठेकेदार को महानगरपालिका ने घंटा गाड़ी सहित तमाम आवश्यक संसाधन संसाधन भी मुहैया कराया है। महानगरपालिका सफाई कर्मियों द्वारा शहर स्थित समूचे क्षेत्र में सुबह से दोपहर तक कचरे की सफाई कर कचरे के ढेर को कचरा कुंडी और तय जगहों पर इकट्ठा किया जाता है।कचरा सफाई होने के बाद कचरा ढुलाई ठेकेदार की गाड़ियों द्वारा कचरा को उठाकर रामनगर, शांति नगर स्थित डंपिंग ग्राउंड में डाला जाता है।
कचरा ढुलाई ठेकेदार द्वारा कार्य में हमेशा लापरवाही की जा रही है। शहर से कचरा नहीं उठाने की वजह से शहर में संक्रामक बीमारियों का प्रादुर्भाव होना शुरू हो गया है। कचरे की दुर्गंध की वजह से लोगों का जीना मुहाल हो रहा है। शहर के नागरिकों की बार-बार शिकायत के बावजूद महानगरपालिका प्रशासन कचरा ढुलाई ठेकेदार पर कोई कार्रवाई करने में परहेज करता दिखाई पड़ता है।
लोगों का आरोप है कि भिवंडी महानगरपालिका में कचरा ढुलाई का ठेका लेने वाले ठेकेदार का सिर्फ नाम भर है। कचरा ढुलाई ठेकेदार ने ठेका लेकर शहर के सभी रसूखदार पूर्व जनप्रतिनिधियों को ढुलाई कार्य सौंप दिया है। करीब आधा दर्जन पूर्व जनप्रतिनिधि कचरा ढुलाई के ठेकेदार हैं। पूर्व जनप्रतिनिधि अर्थात कचरा ढुलाई ठेकेदार महानगरपालिका अधिकारियों से मिलीभगत कर ढुलाई कार्य नहीं अंजाम देते हुए ही बोगस बिल बनाकर भुगतान प्राप्त करने में लगे रहते हैं। कचरा ढुलाई नकली ठेकेदारों की वजह से शहर में चारों ओर कचरे का अंबार जमा हैं। कचरा गंदगी भिवंडी महानगरपालिका के माथे का कलंक बन गई है।
महानगरपालिका आरोग्य विभाग के सूत्रों की मानें तो कचरा ढुलाई ठेकेदार को मार्च से करीब तीन माह का बिल भुगतान नहीं किया गया हैं। बिल भुगतान न मिलने के कारण ही कचरा ठेकेदार शहर से कचरा नहीं उठा रहे हैं।
महानगरपालिका उपायुक्त (आरोग्य) दीपक झिंझाड़ ने बताया कि कचरा ढुलाई ठेकेदार की कई शिकायतें महानगरपालिका प्रशासन के समक्ष आई हैं। कचरा ढुलाई में लापरवलाही कदापि बर्दाश्त नहीं की जाएगी। बार-बार शिकायत को गंभीरता से लेते हुए कचरा ढुलाई ठेकेदार कंपनी के प्रकल्प व्यवस्थापक को चेतावनी नोटिस दी गई है। कचरा ढुलाई कार्य ठीक से अंजाम नहीं देने पर टेंडर की शर्तों के अनुरूप सख्त कार्रवाई होगी।