ठाणे की 2 बड़ी परियोजनाए रुकी पड़ी। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
ठाणे: ठाणे की 2 बड़ी परियोजनाए अलग-अलग कारणों से रुकी पड़ी है जिससे ठाणे की जनता को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। एक है सेंट्रल रेलवे लाइन पर ठाकुर्ली फ्लाईओवर का निर्माण तो वहीं दुसरी परियोजना है उत्तन चौक पर जेटी का निर्माण कार्य। दोनों कार्यों के रुकने से इसका खामियाज लोगों का चुकाना पड़ रहा है।
डोंबिवली के पूर्व और पश्चिम को जोड़ने वाली सेंट्रल रेलवे लाइन पर ठाकुर्ली फ्लाईओवर की बात करे तो इसका निर्माण पिछले 6 सालों से प्रभावित लोगों को मुआवजा न मिलने के कारण रुका हुआ है। अगर अगले 10 दिनों में इस पुल का निर्माण शुरू नहीं हुआ तो मनसे सड़कों पर उतरकर विरोध प्रदर्शन करेगी। इस संबंध में मनसे नेता और पूर्व विधायक राजू पाटिल ने एक एक्स ट्वीट के जरिए सरकार/प्रशासन का ध्यान आकर्षित किया है।
डोंबिवली और ठाकुरली स्टेशनों के बीच सेंट्रल रेलवे लाइन पर एस.वी. जोशी स्कूल के सामने पूर्व-पश्चिम को जोड़ने वाले फ्लाईओवर के काम से ठाकुरली के निवासी प्रभावित हुए हैं। संतवाड़ी में वर्षों से रह रहे 60 निवासियों के पुनर्वास का मुद्दा उठ खड़ा हुआ है। मुआवजे के मुद्दे के कारण पिछले 6 वर्षों से रुके इस पुल का निर्माण जनवरी में ही शुरू होना था। लेकिन यह काम आज तक शुरू नहीं हो पाया है। कल्याण-डोंबिवली नगर निगम ने इस परियोजना से प्रभावित 60 निवासियों को मुआवजे के तौर पर घर देकर इस बाधा को दूर कर दिया है।
हालांकि, मनसे नेता और पूर्व विधायक राजू पाटिल ने अपने पोस्ट के माध्यम से कल्याण-डोंबिवली नगर निगम और एमएमआरडीए (मुंबई महानगर क्षेत्र विकास प्राधिकरण) का ध्यान आकर्षित किया है कि इन निवासियों को 6 वर्षों से मुआवजा न दिए जाने के कारण काम रुका हुआ है।
इस पुल के कारण ठाकुर्ली के पूर्व दिशा में रेलवे स्टेशन के पास संतवाड़ी के 60 परिवार तथा समीपवर्ती म्हसोबा नगर झोपड़पट्टी के 28 परिवार प्रभावित हुए हैं। एक ओर जहां निवासियों के पुनर्वास का मुद्दा लंबित है। वहीं दूसरी ओर पुल का निर्माण कार्य शुरू करने की कोई योजना नहीं है। प्रशासन की कुव्यवस्था का शिकार हमेशा करदाता नागरिक ही होते हैं। इसलिए यदि आगामी 10 दिनों में पुल का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ अथवा प्रशासन ने इस संबंध में स्पष्टीकरण नहीं दिया तो मनसे 30 जून को इस अधूरे पुल पर विरोध प्रदर्शन करेगी, मनसे नेता तथा पूर्व विधायक राजू पाटिल ने एक्स-ट्वीट के माध्यम से सरकार/प्रशासन को चेतावनी दी है।
‘मराठी भाषा भी कोई मुद्दा है’, हिंदी विवाद पर भड़के अबू आजमी, बोले- फालतू बात करते है लोग
उत्तन चौक पर जेटी का निर्माण कार्य भी इसी तरह रुका पड़ा है। बता दें कि इसका निर्माण कार्य 35 साल पहले हुआ था। इसके बाद इलाके में नावों की संख्या बढ़ती गई और यह जेटी अपर्याप्त हो गई। डेढ़ साल पहले मत्स्य विभाग ने इसके विस्तार के लिए 5 करोड़ रुपए की राशि मंजूर की थी। लेकिन, अब यह बात सामने आई है कि जेटी के विस्तार का काम रुका हुआ है, क्योंकि इस काम के लिए एमसीजेडएमए (महाराष्ट्र तटीय क्षेत्र प्रबंधन प्राधिकरण) से अनुमति नहीं मिल पाई है।
मीरा-भायंदर में उत्तन की चौक जेट्टी को मछली पकड़ने के व्यवसाय के लिए सुरक्षित बंदरगाह के रूप में जाना जाता है। इस जेट्टी का निर्माण मत्स्य विभाग ने 35 साल पहले करवाया था। इस जेट्टी का इस्तेमाल उत्तांची चौक के मछुआरों द्वारा बड़े पैमाने पर किया जाने लगा। वर्तमान में चौक और आसपास के तट से लगभग 500 नावें चौक जेट्टी का उपयोग करती हैं, इसलिए यह अपर्याप्त होती जा रही है।
धी डोंगरी चौक मछुआरा सहकारी समिति ने पालघर मत्स्य विभाग के सहायक आयुक्त से जेटी का विस्तार करने का अनुरोध किया था। लगातार पत्राचार के बाद विभाग ने 2022-23 में जेटी के विस्तार के लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा। इस पर सरकार ने ठाणे जिला नियोजन समिति से 5 करोड़ रुपये की निधि मंजूर की।
कार्य के आवश्यक पहलुओं को पूरा करने के बाद, भूस्खलन अभियंता कार्यालय, कोंकण भवन, नवी मुंबई ने डेढ़ साल पहले निविदा प्रक्रिया को लागू किया। हालांकि, चूंकि इस कार्य के लिए एमसीजेडएमए की अनुमति आवश्यक थी, इसलिए कार्य प्रस्ताव को मंजूरी के लिए भेजा गया था। हालांकि, यह बात सामने आई है कि जेटी विस्तार की अनुमति लालफीताशाही में फंस गई है क्योंकि सरकार ने एमसीजेडएमए की एक नई समिति का गठन नहीं किया है।
परिणामस्वरूप स्थानीय मछुआरों को असुविधा का सामना करना पड़ रहा है और इसका असर मछली पालन उद्योग पर पड़ रहा है। स्थानीय मछुआरों ने मांग की है कि सरकार तुरंत एमसीजेडएमए कमेटी का गठन कर इस जेटी के विस्तारीकरण का काम जल्द से जल्द करवाए और इसके विस्तारीकरण कार्य की अनुमति दे।