ठाणे अदालत ने 11 आरोपियों कोे किया बरी (pic credit; social media)
11 Accused Acquitted in Murder Case: ठाणे की अदालत ने 2009 के दंगा और हत्या के प्रयास मामले में 11 आरोपियों को बरी कर दिया है। प्रधान जिला एवं सत्र न्यायाधीश एस बी अग्रवाल ने वागले एस्टेट के निवासियों प्रकाश केदारनाथ बिंद और अन्य 10 लोगों को बरी करते हुए अभियोजन पक्ष के साक्ष्यों में खामियों और वास्तविक हमलावरों की पहचान में विफलता का हवाला दिया। घटना 22 नवंबर, 2009 को हुई थी। पड़ोस में मामूली विवाद से शुरू हुई झड़प में राहगीर योगेंद्र नेगी को भी कथित तौर पर पीटा गया था।
सुरक्षा और कानून व्यवस्था के मामले में ठाणे पुलिस भी सक्रिय रही। एंटी-नारकोटिक्स स्क्वॉड ने अलग-अलग मामलों में MD ड्रग्स की तस्करी में शामिल इरफान नूरमोहम्मद शेख (47) और मोहम्मद इरफान हनीफ शेख (25) को गिरफ्तार किया। इनके पास से 44 लाख रुपये कीमत की MD बरामद की गई। मुंबई, ठाणे और नवी मुंबई में सक्रिय इस रैकेट की वजह से नाबालिग भी ड्रग्स का सेवन कर रहे थे।
पुलिस आयुक्त आशुतोष डुंबरे ने नशे के खि लाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई है। अतिरिक्त पुलिस आयुक्त पंजाबराव उगले और उपायुक्त अमरसिंह जाधव के मार्गदर्शन में सहायक पुलिस आयुक्त रविंद्र दौंडकर और वरिष्ठ पुलिस निरीक्षक राहुल मस्के ने विशेष अभियान चलाया। पुलिस कांस्टेबल गिरीश पाटिल की सूचना पर आरोपियों को जाल में फंसाकर 203 ग्राम MD जब्त की गई।
सिडको ने भी अवैध निर्माणों पर सख्त कार्रवाई की। नेरुल नोड में सिडको के अधिसूचित भूमि पर अवैध बनी RCC (G+3) इमारत को 22 स्लैब तोड़कर ध्वस्त किया गया। इस कार्रवाई में 16 ब्रेकर और 20 मजदूरों की मदद ली गई। सिडको ने स्पष्ट किया कि उसकी जमीन पर किसी भी प्रकार का अनधिकृत निर्माण बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।
अधिकारियों ने शहरवासियों से प्रदूषण मुक्त और सुरक्षित दिवाली मनाने की अपील की है। प्रशासन और पुलिस की ये कार्रवाई यह संदेश देती है कि कानून और सुरक्षा के मामले में किसी के साथ समझौता नहीं किया जाएगा।