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घर-घर जाकर शिष्य ढूंढ रहें गुरुजी, MBMC विद्यालयों में 35 % घटी विद्यार्थियों की संख्या

  • By प्रभाकर दुबे
Updated On: Apr 30, 2022 | 07:05 AM
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-अनिल चौहान

भायंदर: मीरा-भायंदर महानगरपालिका (Mira-Bhayander Municipal Corporation) के विद्यालयों (Schools) में लगातार घटती विद्यार्थियों (Students) की संख्या को बढ़ाने के लिए प्रशासन शिक्षकों (Teachers) को काम धंधे पर लगा दिया गया है। गुरुजी (शिक्षक) लोग घर-घर जाकर विद्यार्थियों की तलाश कर रहे हैं।

महानगरपालिका के विद्यालयों में खराब होती शिक्षा की गुणवत्ता और विद्यार्थियों की घटती संख्या को लेकर चिंता व्यक्त की जाती रही है, लेकिन प्रशासन इसे रोकने और बढ़ाने में असफल और लापरवाह रहा है। एक दशक पहले मीरा-भायंदर के सभी 36 विद्यालयों में करीब 10,000 विद्यार्थी थे। अब इनकी संख्या घटकर छह से साढ़े छह हजार के आसपास आ गई है। हालांकि प्रशासन आज भी साढ़े सात हजार बच्चों के पढ़ने का दावा कर रहा है।

आधा दर्जन विद्यालयों में सिर्फ 10 से 35 बच्चे

कोविड़ महामारी आने के बाद तो विद्यार्थियों की संख्या इतनी घट गई है कि आधा दर्जन स्कूलों में न के बराबर विद्यार्थी रह गए हैं। पूरे विद्यालय में 10,15,22,34,37 बच्चे ही हैं। ऐसा होने से प्रशासन की काबिलियत और साख पर बट्टा लगने का खतरा उत्पन्न हो गया है।

विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने की नहीं खोजी तरकीब

स्कूलों में घटती विद्यार्थियों की संख्या को रोकने और उसे न बढ़ाने का जिम्मेदार शिक्षकों को ही माना जा रहा है। कुछ हद तक यह सच भी है। स्कूल आने में लेटलतीफी और पढ़ाने में लापरवाही बरतने का आरोप शिक्षकों पर लगता रहा है, लेकिन इन पर अंकुश लगाने, नियंत्रण और निगरानी को लेकर प्रशासन कभी गंभीर और चिंतित नहीं हुआ और न ही शिक्षा का दर्जा और विद्यर्थियों की संख्या बढ़ाने की कोई तरकीब खोजी।

शिक्षण अधिकारी-शिक्षण मंडल दोनों नहीं

10 साल से शिक्षक मंडल की कमेटी और शिक्षण समिति ही नहीं बनी है और शिक्षण अधिकारी भी नहीं है। शिक्षण विभाग की कमान सहायक आयुक्त के हाथों में थमा दी गई है। कुल मिलाकर यह कह सकते हैं कि शिक्षण विभाग फेल है।

 प्रवेश दिलाने अभिभावकों से मिन्नतें 

अब जब स्थिति बद से बदतर हो चली है तो शिक्षकों को ही विद्यार्थियों की संख्या बढ़ाने का जिम्मा थोप दिया गया है। नौकरी जाने के डर से गुरुजी लोगों के घर-घर जाकर विद्यार्थियों की तलाश कर रहे हैं। उनके अभिभावकों से संवाद स्थापित कर रहे हैं और उनका प्रवेश महानगरपालिका विद्यालयों में कराने का आग्रह कर रहे हैं।

विद्यर्थियों की संख्या बहुत कम होने पर हटा दिए जाते हैं शिक्षक

दरअसल नियमों के मुताबिक, जिस कक्षा में विद्यार्थियों की संख्या बहुत कम हो जाती है, ऐसे कक्षाओं के शिक्षक अतिरिक्त घोषित कर दिए जाते हैं और शिक्षण विभाग उनका तबादला किसी अन्य विद्यालय में कर देता है। ऐसा होने से शिक्षकों को ही परेशानी होती है। उससे बचाने के लिए शिक्षकों को नई जिम्मेदारी दी गई है।

[blockquote content=”स्कूल खुलने से पहले महानगरपालिका विद्यालयों में बच्चों को प्रवेश दिलाने के लिए अभिभावक मेला लगाया जाएगा। बालबाड़ी के बच्चों को महानगरपालिका विद्यालय में शामिल कराया जाएगा। आगामी शैक्षणिक सत्र में विद्यार्थियों की संख्या करीब 1000 बढ़ाने का हमने लक्ष्य रखा है। ” pic=”” name=”-अजीत मुठे, उपायुक्त (शिक्षण) “]

Teacher looking for disciples from door to door the number of students decreased by 35 in mbmc schools

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Published On: Apr 30, 2022 | 07:05 AM

Topics:  

  • Bhayandar
  • Number of Students

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