अमित शाह से मुलाकात करतीं सुप्रिया सुले व एनसीपी (एसपी) के सांसद (सोर्स: सोशल मीडिया)
Supriya Sule Amit Shah Meeting: बीएमसी सहित 29 नगर निगम चुनावों की सियासी हलचल के बीच एनसीपी (एसपी) प्रमुख शरद पवार मुंबई से बाहर हैं। उनकी सियासी वारिस सुप्रिया सुले ने हाल ही में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह से मुलाकात की है, जिससे महाराष्ट्र की राजनीति में अटकलें तेज हो गई हैं।
महाराष्ट्र के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद पवार की बेटी सुप्रिया सुले ने पिछले दिनों कांग्रेस के ‘वोट चोरी’ वाले एजेंडे से दूरी बना ली थी। लोकसभा में चुनाव सुधारों पर हो रही बहस के दौरान कांग्रेस, मोदी सरकार को ईवीएम और वोट चोरी को लेकर कठघरे में खड़ा करने की कवायद में जुटी थी। सुप्रिया सुले ने ईवीएम और VVPAT पर सवाल उठाने से इनकार करके कांग्रेस को एक बड़ा झटका दिया था।
सुप्रिया सुले ने सदन में स्पष्ट कहा था कि ‘मैं इसी मशीन से चार बार चुनकर आई हूं, इसलिए मैं ईवीएम या फिर VVPAT पर सवाल नहीं उठाऊंगी’। उनका यह बयान ऐसे समय में आया है, जब कांग्रेस लगातार ईवीएम में गड़बड़ी और वोट चोरी के आरोप लगा रही है। इस तरह, सुप्रिया सुले का रुख कांग्रेस सहित विपक्षी दलों से एकदम अलग रहा।
ईवीएम के मुद्दे पर कांग्रेस को झटका देने के दूसरे दिन ही सुप्रिया सुले ने अपनी पार्टी के सांसदों के साथ केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से मुलाकात की, जिसके बाद कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। सुप्रिया सुले ने यह साफ किया कि यह मुलाकात पूरी तरह महाराष्ट्र से जुड़े मुद्दों पर थी। उन्होंने अमित शाह के सामने बीड के सरपंच संतोष देशमुख की हत्या का मुद्दा भी उठाया और उनके परिवार को जल्द न्याय दिलाने की मांग की।
हालांकि, सुप्रिया सुले भले ही महाराष्ट्र के मुद्दे पर अमित शाह से मिली हों, लेकिन उनकी मुलाकात ने राजनीतिक अटकलों को हवा दे दी है। यह ध्यान देने योग्य है कि ईवीएम पर स्टैंड बदलने से पहले सुप्रिया सुले के केंद्र में मंत्री बनने की चर्चा चल रही थी। ऐसे में विपक्ष से अलग राय रखना और तुरंत बाद अमित शाह से मिलना चर्चा का विषय बन गया है। दिल्ली में अमित शाह के साथ मुलाकात के बाद, सुले ने सोशल मीडिया पर सार्वजनिक तौर पर उनका दिल से आभार भी व्यक्त किया था।
महाराष्ट्र में बीएमसी सहित कुल 29 नगर निगम चुनावों का ऐलान हो चुका है। महाराष्ट्र की राजनीति में मुंबई नगर निगम (बीएमसी) का चुनाव राजनीतिक दलों के लिए काफी अहम माना जाता है। ऐसे में एनसीपी (एसपी) के प्रमुख शरद पवार का मुंबई से दूरी बनाए रखना चिंता का सबब बनता जा रहा है।
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शिवसेना (यूबीटी) के सांसद संजय राउत ने शरद पवार की मुंबई से दूरी पर सवाल उठाया है। उन्होंने मांग की है कि शरद पवार को डिप्टी सीएम अजित पवार के साथ अपने रिश्तों और मुंबई से दूरी पर अपना स्पष्ट नजरिया रखना चाहिए। राउत ने कहा कि वह सीट शेयरिंग के बारे में खुद शरद पवार से बात करेंगे। राउत ने राज ठाकरे के साथ बातचीत फाइनल होने की बात कही, लेकिन शरद पवार के मुंबई आने पर ही उनसे बातचीत करने की बात कही।
राउत ने कहा कि इस समय मुंबई के बाहर उनकी (शरद पवार की) गैर-मौजूदगी निश्चित रूप से बहुत मायने रखती है। संजय राउत ने साफ तौर पर कहा कि ‘अजित पवार और शरद पवार के बीच क्या खिचड़ी पक रही है, यह बताना उन पर ही निर्भर है’। इस तरह संजय राउत भी शरद पवार की भविष्य की राजनीति को लेकर संशय में दिख रहे हैं। अभी तक यह तस्वीर साफ नहीं है कि शरद पवार की पार्टी महाविकास अघाड़ी के साथ लड़ेगी या नहीं।
राजनीतिक विश्लेषकों का मानना है कि हाल ही में पवार परिवार के बीच खटास कम हुई है और अजित पवार तथा शरद पवार के बीच निकटता बढ़ी है,। यह ज्ञात है कि शरद पवार द्वारा खड़ी की गई एनसीपी को उनके भतीजे अजित पवार ने अपने नियंत्रण में ले लिया था। अजित पवार ने एनसीपी के तमाम नेताओं के साथ बीजेपी से हाथ मिला लिया था, जिसके चलते चाचा-भतीजे के रिश्ते बिगड़ गए थे।
इसके बाद से महाराष्ट्र की राजनीति में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी के दोनों खेमों के एकजुट होने की अटकलें लंबे समय से लगती रही हैं। अब शरद पवार और अजित पवार के बीच मुलाकातें हो रही हैं। सुप्रिया सुले और अजित पवार के बीच भी कड़वाहट कम हुई है, वहीं रोहित पवार भी अजित पवार के निकट आए हैं।
दिलचस्प बात यह है कि सुप्रिया सुले अब कई मुद्दों पर अजित पवार का बचाव करती हुई भी नजर आती हैं। राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि जिस तरीके से सुप्रिया सुले ने हाल ही में ईवीएम पर स्टैंड बदला है, वह सामान्य बात नहीं है। इसके तुरंत बाद अमित शाह से उनकी मुलाकात ने इन सवालों को और गहरा दिया है कि आखिर शरद पवार के मन में चल क्या रहा है।