पिछले वर्ष की तुलना में डेढ़ करोड़ की बढ़ोतरी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Vitthal Rukmini temple income 2025: कार्तिकी यात्रा के दौरान वारकरी और श्रद्धालुओं ने श्री विठ्ठल-रुक्मिणी माता के चरणों में कुल 5 करोड़ 18 लाख रुपए का दान अर्पित किया। सोने-चांदी के आभूषणों के साथ-साथ लड्डू प्रसाद, दानपेटी (हुंडी), भक्तनिवास, श्री विठ्ठल के चरणों के पास दी गई नज़राने और अन्य माध्यमों से मंदिर समिति को आय प्राप्त हुई। मंदिर समिति के कार्यकारी अधिकारी राजेंद्र शेळके ने बताया कि पिछले वर्ष की तुलना में इस बार मंदिर की आय में 1 करोड़ 61 लाख रुपए की वृद्धि हुई है।
वारकरी संप्रदाय में विशेष महत्त्व रखने वाली कार्तिकी यात्रा पर इस बार बारिश का असर देखने को मिला। श्रद्धालुओं की संख्या पिछले साल के मुकाबले कम रही। 22 अक्टूबर से 5 नवंबर के बीच यात्रा काल में श्रद्धालुओं ने श्री विठ्ठल के चरणों में 48 लाख 8 हजार 289 रुपए अर्पित किए, जबकि मंदिर समिति को दान के रूप में 1 करोड़ 27 लाख 19 हजार 520 रुपए प्राप्त हुए।
इसके अलावा अगरबत्ती, चंदन, महावस्त्र, फोटो, मोबाइल लॉकर आदि के माध्यम से 6 लाख 70 हजार 906 रुपए की आय हुई। इस प्रकार कुल मिलाकर 5 करोड़ 18 लाख रुपए की आय मंदिर समिति की तिजोरी में जमा हुई।
लड्डू प्रसाद की बिक्री से 54 लाख 16 हजार 500 रुपए, भक्तनिवास शुल्क से 71 लाख 59 हजार 910 रुपए, जबकि हुंडीपेटी (दानपेटी) में 1 करोड़ 77 लाख 15 हजार 227 रुपए जमा हुए। इसके अलावा पूजा-अर्चना से 50 हजार रुपए, और देवता को इस यात्रा में 3 लाख 36 हजार 876 रुपए मूल्य के सोने-चांदी के गहने अर्पित किए गए।
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मंदिर समिति को पिछले वर्ष की कार्तिकी यात्रा में 3 करोड़ 57 लाख 47 हजार 322 रुपए की आय हुई थी, जो इस बार बढ़कर 5 करोड़ 18 लाख रुपए हो गई। समिति के लेखाधिकारी मुकेश अनेचा ने बताया कि इस प्राप्त दानराशि का उपयोग श्री विठ्ठल-रुक्मिणी माता के दर्शन हेतु आने वाले वारकरी और श्रद्धालुओं को और अधिक सुविधाएं एवं व्यवस्थाएं उपलब्ध कराने के लिए किया जाएगा।