हर गांव में 'गोपालक सेना' का करेंगे गठन (सौजन्यः सोशल मीडिय)
Solapur News: देसी गाय की नस्ल की रक्षा करने वाले असली गौरक्षक किसान हैं। शहर के लोग जो ‘दिखावटी’ कुत्ते पालते हैं, वे हम किसानों को गायों से प्रेम करना न सिखाएं। तथाकथित गौरक्षक किसानों की गाड़ियां रोककर उन्हें लूट रहे हैं। तुम गौरक्षक नहीं, गौभक्षी हो। अब हम भी गांव-गांव में किसानों की ‘गौरक्षक सेना’ खड़ी करने जा रहे हैं, विधायक सदाभाऊ खोत ने तथाकथित गौरक्षकों को चेतावनी दी। गोहत्या और गोरक्षकों के खिलाफ किसानों, व्यापारियों और पशुपालकों ने संगोला तहसील कार्यालय पर मार्च निकाला।
विधायक सदाभाऊ खोत 21 अगस्त को इस मार्च का नेतृत्व करने संगोला आए थे। खोत ने कहा कि किसान अपनी देशी गायों को बाजार में बेचने के लिए नहीं लाते। लेकिन, जब किसान अपने दुधारू पशुओं को बेचने के लिए ले जाते हैं, तो उन्हें रोक लिया जाता है। तथाकथित गोरक्षक किसानों के वाहनों को रोककर लूटपाट कर रहे हैं। इससे किसानों की गायों और भैंसों का बाजार मूल्य काफी गिर गया है। लेकिन, हम किसानों के पशुओं के लिए बाजार बंद करने की योजना को जारी नहीं रहने देंगे। कानून को अपने हाथ में लेने वाले तथाकथित गोरक्षकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जानी चाहिए।
पुलिस कानून का दुरुपयोग कर झूठे मुकदमे दर्ज न करे। गोहत्या प्रतिषेध अधिनियम में संशोधन कर एचएफ और समरूप पश्चिमी व संकर नस्ल के सांडों के वध की अनुमति दी जाए। इसकी मांग करते हुए कहा कि अगर किसानों के पशुओं की बिक्री में कोई बाधा डालेगा तो किसान सड़कों पर उतरेंगे।
प्रदेश में देसी गाय, जर्सी, ह्यूस्टन जैसी 1 करोड़ 15 लाख दुधारू नस्ल की गायें, 44 लाख भैंसें, 90 लाख बकरियां, 28 लाख भेड़ें, कुल 2 करोड़ 85 लाख हैं। इस बीच, गोरक्षा शिविरों में पशुओं के आंकड़े घोषित किए जाएं और वहां हो रही अनियमितताओं पर कार्रवाई की जाए। मांग की गई कि पशुओं की वैध खरीद-बिक्री और परिवहन को फिर से शुरू करने के लिए स्पष्ट दिशा-निर्देश दिए जाएं।