(फोटो सोर्स सोशल मीडिया)
नागपुर : महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए विभिन्न सियासी गठबंधनों में शामिल राजनीतिक दलों के उम्मीदवारों में चुनावी समर होने वाला है। इसके लिए उम्मीदवारों ने अपना चुनाव प्रचार भी शुरू कर दिया है। इसी पृष्ठभूमि में शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता आनंद दुबे मंगलवार को सदिच्छा भेंट हेतु नवभारत कार्यालय पहुंचे। इस दौरान उन्होंने विधानसभा चुनाव, महाविकास आघाड़ी (मविआ) में यूबीटी की स्थिति सहित तमाम सियासी मुद्दों पर बेबाकी से अपनी राय व्यक्त की तथा पत्रकारों के सवालों का खुलकर जवाब दिया।
इस इंटरव्यू के दौरान शिवसेना यूबीटी के प्रवक्ता ने क्या कुछ कहा, जानने के लिए आगे पढ़ें-
सवाल- विधानसभा चुनाव के लिए प्रचार अभियान जोर पकड़ने लगा है, बुधवार को महाविकास आघाड़ी की सभा होनी हैं…
जवाब- चुनाव प्रचार तो चल ही रहा है, लेकिन यह धर्म युद्ध है। इसमें एक तरफ न्याय, सत्य और दूसरी तरफ अहंकार, तानाशाही, अन्याय, अत्याचार, षडयंत्र और भ्रष्टाचार है। इसलिए हमारी लड़ाई जनता लड़ेगी। जनता हमारे लिए प्रचार करेगी। बुधवार को मविआ की बड़ी सभा होनी है। इसमें राहुल गांधी, उद्धव ठाकरे और शरद पवार शामिल होंगे। इसके माध्यम से धर्म युद्ध का बिगुल बजेगा और चुनावी लड़ाई का आगाज होगा।
सवाल- लोकसभा चुनाव के दौरान जीत के मामले में आप लोग पीछे रह गए?
जवाब – हमारी पार्टी, पार्टी का नाम, चुनाव चिह्न छीन लिया गया। चुनाव से करीब तीन महीने पहले हमारी पार्टी को नया नाम, नया चुनाव चिह्न मिला था। लोग बालासाहेब की पार्टी के चुनाव चिह्न धनुष-बाण को जानते थे, इसलिए चुनाव में लोग भ्रमित हो गए। उन्होंने धनुष-बाण का बटन दबाया और जब चुनाव परिणाम आए तो लोग चकित रह गए। मैं दावे के साथ कहता हूं कि यदि बीजेपी का नाम और चुनाव चिन्ह कमल छीन लिया जाए तो बीजेपी राज्य में पांच सीट भी नहीं जीत सकेगी। लेकिन यूबीटी जो कि बालासाहेब की असली शिवसेना है, उसके मशाल चुनाव चिह्न का बटन लोग अब दबाएंगे। विधानसभा में परिणाम अलग होंगे।
सवाल – पहले उद्धव ठाकरे कहते थे कि महाराष्ट्र, दिल्ली के आगे नहीं झुकेगा, लोग ‘मातोश्री’ आते थे…
जवाब – दिल्ली देश की राजधानी है, दिल्ली में देश और महाराष्ट्र से जुड़ी योजनाएं बनती हैं, इसलिए दिल्ली जाना ही चाहिए। पूर्व मुख्यमंत्री ठाकरे वहां राहुल गांधी, सोनिया गांधी, मल्लिकार्जुन खड़गे और दूसरे प्रमुख नेताओं से मिले। लेकिन सीटों का बंटवारा महाराष्ट्र में ही हुआ। संजय राऊत, नाना पटोले और जयंत पाटिल ने यहीं बैठकर प्रेम पूर्वक सीटों का बंटवारा किया। हमारे यहां महायुति जैसी हालत नहीं है। यहां सब समान है। सबका साथ, सबका सम्मान हमारा नारा है।
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सवाल – महायुति का आरोप है, यूबीटी हिंदुत्व से दूर हो गई है। लोकसभा में उसे हिंदुओं का वोट नहीं मिला?
जवाब – किसी एक समाज के सहारे कोई चुनाव जीत सकता है क्या? यह सही है कि हमें अल्पसंख्यकों का वोट मिला लेकिन क्या अल्पसंख्यक विदेशी हैं? कोरोना काल में उद्धव ठाकरे ने निष्पक्ष भाव से जो काम किया उसकी वजह से उन्होंने हमें वोट दिया। उन्होंने बीजेपी को नकारा तो वोट जिहाद कैसे हुआ?
सवाल – माहिम विधानसभा सीट पर अमित ठाकरे उम्मीदवार हैं…
जवाब – माहिम शिवसेना की परंपरागत सीट है। दुर्भाग्य से शिवसेना के विधायक सदा सरवणकर गद्दार निकले। इस बार पार्टी ने निष्ठावान महेश सावंत को उम्मीदवार बनाया है। राजनीति में रिश्तेदारी नहीं चलती। मनसे ने वर्ली में आदित्य ठाकरे के खिलाफ संदीप देशपांडे को उम्मीदवार बनाया है। सांसद मिलिंद देवड़ा को चुनाव लड़ा रहे हैं लेकिन जनता गद्दारों के साथ-साथ बीजेपी की ‘बी’ पार्टी ‘मनसे’ को भी जान चुकी है।
सवाल – लोकसभा में राहुल गांधी ने संविधान बदलने का नैरेटिव सेट किया था, बीजेपी जिसे फेक नैरेटिव बताती है…
जवाब – संविधान बदलने का नैरेटिव फेक नहीं था, यह हकीकत है। उनके मन में संविधान के प्रति खुन्नस हमेशा से रही है। बीजेपी के अयोध्या के पूर्व सांसद लल्लू सिंह, कर्नाटक के नेता हेगडे संविधान बदलने की बात खुलकर कह चुके हैं। देश की जनता ने उनका प्लान विफल कर दिया। विपक्ष के कारण पीएम मोदी संविधान को माथे से लगाने को मजबूर हुए।
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सवाल – उद्धव फिर सीएम बनेंगे?
जवाब – हम यही चाहते हैं। चुनाव के बाद हमें बहुमत मिलेगा तो मविआ के नेता बैठकर विधायक दल की बैठक में सीएम पद के संबंध में सकारात्मक निर्णय लेंगे।
सवाल – यूबीटी को विकास विरोधी करार दिया जा रहा है..इस पर आप क्या कहेंगे ?
जवाब- ये हास्यास्पद है। कोस्टल रोड उद्धव ठाकरे आदित्य ठाकरे का ड्रीम प्रोजेक्ट था। हम मुंबई के ढांचागत विकास का कभी विरोध नहीं कर सकते हैं। लॉ एंड ऑर्डर, पर्यावरण और इन्फ्रा हमेशा से हमारी प्राथमिकता रहे हैं। इसलिए मेट्रो के कारशेड को आरे की बजाय विक्रोली में साल्ट लैंड पर बनाने की मांग हमने की थी, लेकिन तब हमारी योजनाओं को केंद्र से मंजूरी नहीं मिलती थी। कोस्टल हो या मेट्रो, ठाकरे सरकार के दौरान शुरू हुए कार्यों का उद्घाटन अब इन्होंने किया। हम जुमले बाज नहीं हैं। हम 15 लाख, अच्छे दिन का झांसा देकर 1500 नहीं दे रहे हैं। इस महा झूठी सरकार को लोग जान गए हैं।