नरेंद्र दराडे शिंदे गुट में शामिल
नासिक: विधानसभा चुनाव में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति मंत्री छगन भुजबल पर जुर्माना लगाने वाले पूर्व विधायक नरेंद्र दराडे शनिवार की रात उपमुख्यमंत्री एवं पार्टी प्रमुख एकनाथ शिंदे की मौजूदगी में शिवसेना ठाकरे पार्टी छोड़कर शिवसेना शिंदे गुट में शामिल हो गए।
दराडे को प्रवेश की अनुमति देकर शिंदे गुट ने भुजबल के साथ अपनी सांठगांठ बढ़ाने की कोशिश की। हालांकि, राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि दराडे ने जांच और कार्रवाई से बचने के लिए सत्तारूढ़ पार्टी की शरण ले ली है।
पहले से थी चर्चा
जब शिवसेना एकजुट थी, तब उद्धव ठाकरे ने नरेंद्र दराडे को नासिक स्थानीय स्वशासन संगठन समूह से विधायक बनने का मौका दिया था।
विधायक के रूप में उनका कार्यकाल हाल ही में समाप्त हुआ। उनके भाई किशोर दराडे शिंदे गुट में हैं। इसलिए कुछ दिनों से चर्चा थी कि नरेंद्र दराडे भी शिंदे गुट में शामिल होंगे।
शिवसेना UBT गुट को लगा झटका
विधान परिषद के स्थानीय स्वशासन निर्वाचन क्षेत्रों के चुनाव नगरपालिका और जिला परिषद चुनावों के तुरंत बाद होंगे। वर्तमान राजनीतिक स्थिति को देखते हुए, यह पहले से पता था कि दराडे शिंदे गुट में शामिल होंगे, क्योंकि इस चुनाव में महायुति के मजबूत रहने की संभावना थी। इससे शिवसेना UBT गुट को झटका लगा है। इस दौरान शिंदे गुट की नेता मीना कांबली, विधायक किशोर दराडे, सचिव राम रेपाले, उपनेता व जिला प्रमुख अजय बोरास्ते, जिला प्रमुख भाऊलाल ताम्बडे आदि उपस्थित थे।
भुजबल-दाराडे का मुकाबला रोमांचक होगा
येओला तालुका में दराडे मंत्री छगन भुजबल के प्रबल राजनीतिक विरोधी हैं और दराडे और भुजबल के बीच टकराव जगजाहिर है। पिछले विधानसभा चुनाव में दराडे ने महा विकास अघाड़ी के उम्मीदवार माणिकराव शिंदे का समर्थन किया था। इसलिए संघर्ष भुजबल और दराडे के बीच था। इस विवाद के कारण ही दराडे के खिलाफ फर्जी लेटरहेड मामला शुरू किया गया था। अब दराडे ने भुजबल की परेशानियों से बचने के लिए शिंदे गुट को चुना है। निकट भविष्य में भुजबल और दराडे के बीच टकराव की संभावना है।
शिंदे गुट में विधायक नरेंद्र दराडे के साथ पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष रामदास दराडे, पूर्व सभापति डॉ. सुधीर जाधव, नगरसेवक दयानंद जावले, अनिल जैन, अंबादास कस्तूरे, उत्तम आहेर, सरपंच भानुदास गायकवाड़, क्रय-विक्रय संघ के संतोष वैद्य, महिला मोर्चा प्रमुख वर्षा देशमुख के साथ ही उभाठा, मनसे, राकांपा पंचायत समिति सदस्य, नगरसेवक, सरपंच आदि शामिल हुए। इससे शिंदे समूह को येओला तालुका में काफी ताकत मिली है।