शिंदे गुट बबीता पवार, आदित्य ठाकरे (pic credit; social media)
Maharashtra Politics: महाराष्ट्र की राजनीति अब क्रिकेट की तरह अनिश्चितताओं का खेल बन गई हैं। यहां कब क्या हो जाएगा, इसका अनुमान कोई नहीं लगा सकता है। ऐसा ही मुंबई महानगर पालिका चुनाव का ट्रायल कहे जा रहे बेस्ट एंप्लाइज को-ऑप क्रेडिट सोसायटी के चुनाव में देखने को मिल रहा है।
चुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे की पार्टी शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे (यूबीटी) और राज ठाकरे की महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) मिल कर चुनाव लड़ रही है। लेकिन अब पता चला है कि ठाकरे बंधुओं के उत्कर्ष पैनल में शिंदे गुट ने सेंध लगा ली है।
उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की पार्टी की समर्थक बबीता पवार को उत्कर्ष पैनल से उम्मीदवारी मिल गई है। इस वजह से यूबीटी समर्थक कर्मचारी आक्रोशित हैं। बबीता पवार की उम्मीदवारी का विरोध करनेवालों का आरोप है कि ऐसा आदित्य ठाकरे को अंधेरे में रखकर किया गया है।
18 अगस्त 2025 को होनेवाले ‘बेस्ट चुनाव’ में कुल 21 सीटों के लिए चुनाव होने हैं। इनमें ठाकरे की बेस्ट कामगार सेना ने 19 तो वहीं मनसे ने 2 उम्मीदवारों को मैदान में उतारा है। उद्धव-राज के उत्कर्ष पैनल ने सामान्य वर्ग से सारंग उमेश श्रीधर, कोंडे प्रशांत वसंत, वारिसे रवींद्र राजाराम, इंदप मधुकर दिनकर, राजगुरु अशोक शंकर, टुकरूल महेश मोहन, माली स्वामी हनुमंत, पवार जितेंद्र दत्तात्रेय, हरयाण अविनाश सुरेश, लोखंडे सुकुमार विष्णु, तलपड़े किशन मारुति, सुर्वे शिवाजी रामचंद्र, गोरे राजेश काशीनाथ, मांढरे नीलेश प्रकाश, संगम काशीनाथ बलराम, राऊत नरेंद्र दत्तात्रेय को उम्मीदवार बनाया है।
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इसी तरह महिला आरक्षित वर्ग से बबीता अजीत पवार, सीमा गिरीश मानकामे, ओबीसी वर्ग से रेडीज नितिन मनोहर, एससीएसटी वर्ग से मोहिते शैलेश जयराम, वीजेएनटी से बंडगर महादेव सोपान को उम्मीदवार बनाया है।
भायखला और शिवड़ी विधानसभा क्षेत्रों के शिवसेना कार्यकर्ता शिंदे गुट की बबीता पवार को उत्कर्ष पैनल में नामित किए जाने से नाराज हैं। क्योंकि मझगांव की बेस्ट कर्मचारी बबीता पवार, उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना से जुड़ी मानी जाती हैं। इस बारे में ठाकरे समर्थक कार्यकर्ताओं ने बीते सोमवार को शिवसेना भवन में आदित्य ठाकरे से बबीता की उम्मीदवारी की शिकायत की थी।
ठाकरे गुट के कार्यकर्ताओं ने आरोप लगाया है कि आदित्य ठाकरे को उत्कर्ष पैनल में उन्हें नामित किए जाने के फैसले की जानकारी नहीं थी। हालांकि आदित्य से शिकायत के बाद भी बबीता की उम्मीदवारी पर कोई निर्णय नहीं होने से ठाकरे की कामगार सेना में नाराजगी है, कुछ लोगों के इस चुनाव से दूरी बनाने की बात अंदरखाने चल रही है।