नासिक राम सेतु पुल (pic credit; social media)
Nashik Ram Setu Bridge: गोदावरी नदी में शनिवार और रविवार को आई बाढ़ ने नासिक के लगभग 70 साल पुराने रामसेतु पुल को गंभीर नुकसान पहुंचाया है। यह पुल नाशिक शहर और पंचवटी को जोड़ता है और शहरवासियों की रोजमर्रा की आवाजाही के लिए अहम था। बाढ़ के कारण पुल के कई हिस्से क्षतिग्रस्त हो गए हैं। लोहे की रेलिंग टूट गई है, खंभे उखड़ गए हैं और पुल में गहरी दरारें दिखाई दे रही हैं। 1955 में बना यह पुल 2016 के बाद पहली बार पूरी तरह पानी में डूबा है।
स्थानीय व्यापारियों और मंदिरों को भी बाढ़ के कारण भारी नुकसान उठाना पड़ा। नदी किनारे के बाजारों में पानी भर गया और कई धार्मिक स्थलों में भी जलभराव हुआ। पहले ही वाहनों के लिए पुल को बंद किया गया था, लेकिन अब यह पैदल यात्रियों के लिए भी असुरक्षित हो गया है।
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घटना के तुरंत बाद नासिक विकास एवं पब्लिक इंफ्रास्ट्रक्चर मंत्री गिरीश महाजन ने रामकुंड और गोदावरी किनारे का दौरा किया। पुल की खतरनाक स्थिति का निरीक्षण करने के बाद उन्होंने आदेश दिया कि रामसेतु पुल को तुरंत तोड़ा जाए और उसी स्थान पर या किसी उपयुक्त स्थान पर नया पुल बनाया जाए। मंत्री ने यह भी निर्देश दिया कि पैदल आवाजाही के लिए भी वर्तमान पुल तुरंत बंद किया जाए।
आगामी 2027 कुंभ मेले को ध्यान में रखते हुए नया पुल जल्द से जल्द तैयार किया जाना आवश्यक है, ताकि नाशिक की शहर कनेक्टिविटी प्रभावित न हो। शहरवासियों में उत्सुकता है कि नया पुल पुराने स्थान पर बनेगा या किसी नए स्थल पर।
स्थानीय नागरिक और व्यापारी पुल की स्थिति को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने कहा कि यह पुल केवल यातायात का मार्ग नहीं है, बल्कि धार्मिक स्थलों और बाजारों को जोड़ने का भी प्रमुख साधन है। प्रशासन की ओर से राहत और सुरक्षा उपायों को बढ़ाया गया है।
रामसेतु पुल की मरम्मत और नया निर्माण न केवल शहरवासियों के लिए सुरक्षा सुनिश्चित करेगा बल्कि आगामी कुंभ मेले में लाखों श्रद्धालुओं की आवाजाही को भी सुगम बनाएगा।