पूर्व शिक्षा उपसंचालक वैशाली जामदार (सोर्स: सोशल मीडिया)
नागपुर: फर्जी स्कूल आईडी मामले में बुधवार को पूर्व विभागीय शिक्षा मंडल अध्यक्ष अनिल पारधी को गिरफ्तार करने के बाद साइबर पुलिस ने गुरुवार को प्रभारी उपसंचालक चिंतामन वंजारी को गिरफ्तार किया था। शुक्रवार को कार्रवाई करते हुए पूर्व शिक्षा उपसंचालक वैशाली जामदार को भी गिरफ्तार कर लिया गया। उल्लास नरड को पहले ही गिरफ्तार कर लिया गया है।
फर्जी शालार्थ आईडी मामले में अब तक कुल 4 उपसंचालकों की गिरफ्तारी की जा चुकी है। सेवानिवृत्त उपसंचालक सतीश मेंढे के सिर पर भी गिरफ्तारी की तलवार लटक रही है। वह अभी फरार है।
फर्जी शालार्थ आईडी मामले में 2019 से 2025 तक बनाई गई शालार्थ आईडी की जांच की जा रही है। स्कूल शिक्षा विभाग की अधिकारी माधुरी सावरकर के नेतृत्व में एक समिति नियुक्त की गई है। इस समिति में चिंतामन वंजारी को शामिल किया गया था।
समिति की रिपोर्ट के आधार पर साइबर सेल में शिकायत दर्ज कराई गई थी। इस बीच उल्हास नरड को गड़चिरोली से गिरफ्तार किया गया था। लगातार कार्रवाई करते हुए इस मामले में गुरुवार को चिंतामन वंजारी को भी गिरफ्तार किया गया।
साइबर पुलिस ने शालार्थ आईडी की जांच कर पता लगाया कि किसके कार्यकाल में कितनी फर्जी आईडी जारी की गईं। बताया गया है कि लगभग 622 फर्जी आईडी जारी की गई हैं। इनमें से 150 आईडी पूर्व उपसंचालक वैशाली जामदार और 150 आईडी सेवानिवृत्त उपसंचालक सतीश मेंढे द्वारा बनाई गई थीं। अरेस्ट वारंट जारी कर शुक्रवार को छत्रपति संभाजीनगर से वैशाली जामदार को गिरफ्तार कर लिया गया।
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साइबर पुलिस की जांच में पता चला है कि प्रभारी उपसंचालक चिंतामन वंजारी ने बड़ी संख्या में फर्जी शालार्थ आईडी बनाई थीं। इस मामले में गुरुवार को वंजारी को गिरफ्तार किया गया था। शुक्रवार को वंजारी को कोर्ट में पेश किया गया। अदालत ने उसे 29 तक पुलिस हिरासत में भेज दिया है।