शालार्थ आईडी घोटाला (फाइल फोटो)
Shalarth ID Scam: बोगस शालार्थ आईडी घोटाले के मुख्य आरोपी और पूर्व शिक्षाधिकारी चिंतामन वंजारी को प्रथम श्रेणी न्यायालय दंडाधिकारी की अदालत से बेल मिल गई। वहीं इसी मामले में आरोपी वेतन अधीक्षक नीलेश वाघमारे को पुलिस हिरासत खत्म होने के बाद जेल भेजा गया है।
राज्य शिक्षा मंडल के नागपुर विभागीय अध्यक्ष और तत्कालीन प्राथमिक शिक्षाधिकारी चिंतामन गुलाबराव वंजारी को इस मामले में मुख्य आरोपी माना जा रहा है। पूरे राज्य में यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है। साइबर पुलिस थाने में दर्ज एक मामले में एसआईटी ने वंजारी को गिरफ्तार किया था। पुलिस हिरासत के बाद जेल भेजा गया।
वंजारी के वकील दीपेन जग्यासी ने न्यायालय में जमानत अर्जी दायर की। उन्होंने न्यायालय को बताया कि इस मामले में वंजारी को झूठे आरोपों के तहत फंसाया गया है। शिक्षा विभाग के निदेशक महेश पालकर द्वारा की गई प्राथमिक जांच के बाद वंजारी का नाम सामने आया। इस जांच के आधार पर वंजारी को शालार्थ आईडी के लिए जिम्मेदार नहीं माना जा सकता है। उनसे जांच पूरी हो चुकी है।
जांच एजेंसी 2,000 पन्नों की चार्जशीट दायर कर चुकी है। प्रकरण की सुनवाई खत्म होने में समय लगेगा। अभियोजन पक्ष का पूरा मामला दस्तावेजों और इलेक्ट्रानिक सबूतों पर आधारित है जो पहले ही जांच अधिकारियों द्वारा जब्त किए जा चुके हैं, इसीलिए वंजारी को सलाखों के पीछे रखने की कोई जरूरत नहीं है। उन्हें जेल में रखना सुनवाई के पूर्व सजा देने जैसा होगा, इसीलिए उन्हें जमानत मंजूर की जाए।
सरकारी वकील प्रियंका कबाड़े ने जमानत का विरोध किया। उन्होंने न्यायालय को बताया कि वंजारी प्रकरण का मुख्य आरोपी है। यह मामला आर्थिक अपराध से जुड़ा है और बेहद गंभीर है। गैर कानूनी तरीके से शिक्षकों की नियुक्त कर सरकारी खजाने को बड़ा नुकसान पहुंचाया गया है, इसीलिए जांच पूरी होने तक वंजारी को बेल नहीं मिलनी चाहिए।
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दोनों पक्षों की जिरह के बाद न्यायालय ने वंजारी को नियमित बेल मंजूर की। बचाव पक्ष को अधिवक्ता पराग विधानी ने सहयोग किया। वहीं गुरुवार को आरोपी नीलेश वाघमारे की पुलिस हिरासत खत्म हुई। जांच अधिकारी ने वाघमारे को न्यायालय में पेश किया। अदालत ने उसे न्यायिक हिरासत में जेल भेजने का आदेश दिया।