टीचर्स घोटाला(सौ. सोशल मीडिया)
Maharashtra News: बोगस शिक्षकों की खोज अभियान के तहत शासन ने पिछले 13 वर्षों में नौकरी पर लगे सभी शिक्षकों के कागजात मांगे हैं। इसमें सांगली जिले के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों के लगभग 10 हजार से अधिक शिक्षक शामिल हैं।
इसके लिए नौकरी पर लगने से लेकर संस्थान संचालकों के आदेश तक के कागजात इकट्ठा करने पड़ रहे हैं।अब सांगली जिले सहित सभी जिलों के शिक्षक जांच के घेरे में आ गए हैं। नागपुर में शालार्थ आईडी घोटाले के उजागर होने के बाद शासन ने पूरे राज्य के सभी शिक्षकों की जांच करने के आदेश दिए हैं।
प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में समय-समय पर शिक्षक भर्ती हुई है।हालांकि इन शिक्षकों की जानकारी शिक्षा विभाग के पास है, फिर भी शालार्थ आईडी में गड़बड़ी पाए जाने के कारण सभी शिक्षकों के कागजात की जांच करने का निर्णय लिया गया है।
हजारों शिक्षकों के दस्तावेज अपलोड लंबित राज्य की एक लाख 23 हजार निजी अनुदानित, अंशतः अनुदानित स्कूलों सहित सरकारी स्कूलों में कार्यरत लगभग साढ़े चार लाख से अधिक शिक्षक और शिक्षकेतर कर्मचारियों के दस्तावेज ‘शालार्थ’ प्रणाली पर अपलोड किए जा रहे हैं।निजी अनुदानित संस्थाओं के संचालकों द्वारा राज्य में बड़े पैमाने पर शिक्षकों की व्यक्तिगत मान्यता के लिए अनियमितताएं किए जाने के कारण अनेक शिक्षकों के व्यक्तिगत मान्यता से संबंधित दस्तावेज ‘शालार्थ प्रणाली पर अपलोड नहीं हो पाए हैं।
सांगली जिले में 484 माध्यमिक विद्यालय हैं, जिनमें चार हजार से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं। जिला परिषद की 1,682 शालाएं हैं, जिनमें छह हजार से अधिक शिक्षक कार्यरत हैं।वहीं, निजी प्राथमिक अनुदानित 157 शालाएं हैं, जिनमें 1,080 शिक्षक कार्यरत हैं।इन शिक्षकों के दस्तावेज अपलोड करने के लिए 30 अगस्त तक की समयसीमा दी गई थी, जिसे बढ़ाकर अब 15 सितंबर तक कर दिया गया है।
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सांगली के माध्यमिक शिक्षा अधिकारी राजेसाहब लोंढे ने कहा है कि प्राथमिक, अनुदानित प्राथमिक और माध्यमिक शिक्षकों को उनकी व्यक्तिगत मान्यता से संबंधित रिपोर्ट, साथ ही शालार्थ मान्यता आदि दस्तावेज ‘शालार्थ प्रणाली में अपलोड करने के लिए 15 सितंबर तक समयसीमा बढ़ा दी गई है। यह अवधि कागजातों को सबमिट करने के लिए पर्याप्त है। यदि इस समयसीमा के भीतर शिक्षक अपने दस्तावेज जमा नहीं कर पाए, तो उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।