रायगढ़ में मिली पाकिस्तानी नाव (सोर्स: सोशल मीडिया)
रायगढ़: महाराष्ट्र के रायगढ़ जिले के तटीय क्षेत्र में 6 जुलाई की रात एक संदिग्ध नाव दिखने के बाद सुरक्षा एजेंसियों ने कान खड़े हो गए है। स्थानीय पुलिस समेत सुरक्षा एजेंसियां तैनात हो गई और सर्च ऑपरेशन चलाया गया। हालांकि संदिग्ध पाकिस्तानी नाव का दूसरे दिन पता चल गया, लेकिन इसके बाद एक बड़ा खुलासा हुआ है।
रायगढ़ के कोरलाई किले के पास अरब सागर में तटरक्षक बल (Coast Guard) के रडार पर एक संदिग्ध पाकिस्तानी नौका देखे जाने के बाद पुलिस ने एक तलाशी अभियान शुरू किया। इस दौरान एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। पुलिस को पता चला है कि रायगढ़ के तटीय इलाके में 1,000 से अधिक नौकाएं बिना उचित पंजीकरण के चल रही हैं।
रायगढ़ की पुलिस अधीक्षक (एसपी) आंचल दलाल ने कहा कि रायगढ़ पुलिस ने संदिग्ध पाकिस्तानी नौका का पता लगाने के लिए तलाशी अभियान शुरू किया। अभियान के दौरान पुलिस को पता चला कि जिले के तटीय क्षेत्र में बिना पंजीकरण के 1,000 से अधिक नौकाएं चल रही हैं।
एसपी दलाल ने कहा कि तटीय सुरक्षा और मछुआरों की सुरक्षा के लिए नौकाओं का पंजीकरण बहुत महत्वपूर्ण है। यदि मछली पकड़ते समय कोई आपातकालीन स्थिति उत्पन्न होती है, तो पुलिस को उनकी नौका का पता लगाने और समुद्र में संकट के समय उचित सहायता प्रदान करने में सक्षम होना चाहिए।
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बता दें कि पिछले दिनों रायगढ़ जिले तट पर समुद्र में एक संदिग्ध नाव देखी गई थी। जिसके बाद हड़कंप मच गया है। पूरी रात तलाशी अभियान चलाया गया। भारतीय तटरक्षक (आईसीजी) ने रविवार रात पुलिस को सूचित किया कि संदिग्ध पाकिस्तानी नौका, ‘मुकदर बोया 99′ (नौका नंबर एमएमएसआई-463800411) का पता कोरलाई किले के पास चला। संभावित खतरे ने सुरक्षा एजेंसियों को सकते में डाल दिया।
जानकारी के लिए बता दे कि नवंबर 2008 में पाकिस्तान से 10 आतंकवादी एक नाव में सवार होकर अंधेरे का फायदा उठाकर मुंबई के समुद्र तट पर पहुंचे थे और एक घातक आतंकवादी हमला किया था। 26 नवंबर 2008 को लश्कर-ए-तैयबा के प्रशिक्षित और भारी हथियारों से लैस 10 आतंकवादियों ने मुंबई की कई जगहों और प्रतिष्ठित इमारतों पर हमला कर दिया था, जो 4 दिन तक चला। मुंबई हमलों में 160 से अधिक लोग मारे गए थे।