मंत्री भरत गोगावले और सुनील तटकरे (pic credit; social media)
Maharashtra Politics: मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस के नेतृत्व वाली बीजेपी, शिवसेना (शिंदे गुट) और राकां अजीत पवार के गठबंधन वाली महायुति सरकार 2.0 के गठन को लगभग 8 महीने से अधिक बीत चुके हैं। लेकिन सरकार में रायगढ़ जिले के पालक मंत्री के पद पर जारी गतिरोध खत्म होने का नाम ही नहीं ले रहा है।
इस वजह से उफ मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे की शिवसेना के कोटे के मंत्री भरत गोगावले तथा उप मुख्यमंत्री अजीत पवार की राकां के प्रदेश अध्यक्ष सुनील तटकरे के बीच लगातार तीखा वाक युद्ध चलता रहता है। स्वतंत्रता दिवस के उपलक्ष्य में 15 अगस्त को होनेवाले ध्वजारोहण के मुद्दे पर महायुति के दोनों प्रमुख दलों के मंत्री एवं नेता एक बार फिर से एक दूसरे से भिड़ते नजर आ रहे हैं।
15 अगस्त को रायगढ़ जिले में ध्वजारोहण का अधिकार पाने के लिए डीसीएम शिंदे की शिवसेना तथा डीसीएम अजीत की राकां के बीच जबरदस्त रस्साकशी चल रही है। दोनों पक्ष अपना दावा ठोकते हुए एक दूसरे के खिलाफ ताल ठोंक रहे हैं। इससे पहले 1 मई को महाराष्ट्र दिवस के मौके पर मुख्यमंत्री कार्यालय ने अदिती तटकरे ध्वजारोहण का अधिकार दिया था।
मिली जानकारी के अनुसार इस बार मंत्री भरत गोगावले ने ध्वजारोहण का अधिकार मिलना तय मान कर अपने स्तर पर पूरी आक्रामकता के साथ शक्ति प्रदर्शन की तैयारी शुरू कर दी है। इसी के साथ दोनों गुटों के बीच एक बार फिर से तीखी नोकझोंक का सिलसिला भी शुरू हो गया है।
गौरतलब है कि मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने राकां अजीत पवार गुट की महिला एवं बाल विकास मंत्री अदिती तटकरे को रायगढ़ जिले का पालकमंत्री घोषित किया था। लेकिन उप मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनकी शिवसेना के कोटे से मंत्री भरत गोगावले की नाराजगी के बाद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने अदिती के पालक मंत्री पद पर के निर्णय को स्थगित कर दिया था। तब से मामला अधर में लटका हुआ है।