सीएम फडणवीस, आर.माधवन, मंत्री आशिष शेलार
R Madhavan met CM Fadnavis: महाराष्ट्र फिल्म, रंगमंच और सांस्कृतिक विकास निगम (MFSCDC) और भारतीय फिल्म एवं टेलीविजन संस्थान (FTII) के बीच सोमवार को पुणे में मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए गए। ‘सृजक की अर्थव्यवस्था’ के विकास के लिए कुशल मानव संसाधन विकास का लक्ष्य निर्धारित किया गया है।
फडणवीस ने विश्वास व्यक्त किया कि यह सहयोग की शुरुआत है और भविष्य में महाराष्ट्र देश और दुनिया की रचनात्मक अर्थव्यवस्था का केंद्र बनेगा। इसी दौरान फडणवीस ने कहा कि आज आम आदमी भी सृजनकर्ता बन गया है। उन्होंने रचनात्मकता के माध्यम से अपने लिए एक जगह बनाई है और क्रिएटर्स इकोनॉमी आज एक आवश्यकता बन गई है।
यह अर्थव्यवस्था 100 दिन में 92,000 करोड़ रुपए से बढ़कर 1 लाख करोड़ रुपए हो गई है। यह क्षेत्र बहुत तेजी से विस्तार कर रहा है। इस अवसर पर सांस्कृतिक मामलों के मंत्री एड. आशीष शेलार, अतिरिक्त मुख्य सचिव विकास खड़गे, एफटीआईआई के अध्यक्ष और अभिनेता आर. माधवन, फिल्मसिटी की प्रबंध निदेशक स्वाति म्हासे-पाटिल, एफटीआईआई कुलकुरु धीरज सिंह और अन्य उपस्थित रहे।
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फडणवीस ने कहा कि इस क्षेत्र के लिए गुणवत्तापूर्ण और तकनीकी रूप से सक्षम जनशक्ति की तत्काल आवश्यकता है। नए युग में प्रशिक्षण और प्रमाणन दोनों ही बहुत आवश्यक हैं। कई लोगों को व्यावसायिक अवसर नहीं मिलते, क्योंकि उनके पास कौशल तो है, लेकिन प्रमाणपत्र नहीं है। यह समझौता प्रशिक्षण और प्रमाणन दोनों प्रदान करेगा।
एफटीआईआई एक ऐसा संस्थान है, जो देश और दुनिया को गुणवत्तापूर्ण कलाकार प्रदान करता है, जबकि महाराष्ट्र का फिल्म सिटी व्यावसायिक फिल्मों का आधार है। फडणवीस ने कहा कि इसमें कोई संदेह नहीं है कि इन दो मजबूत संगठनों के एक साथ आने से एक तीसरा, अधिक रचनात्मक और मजबूत संगठन बनेगा।
मंत्री एड. शेलार ने कहा कि एफटीआईआई की प्रवेश प्रक्रिया राष्ट्रीय स्तर की है। इस एमओयू से अब राज्य के ग्रामीण क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थी भी राज्य स्तर पर प्रवेश ले सकेंगे। इसलिए अब गांवों के बच्चों को भी करियर के लिए चित्रनगरी की ओर रुख करना चाहिए। राज्य में गोरेगांव, कोल्हापुर, प्रभादेवी और कर्जत में केंद्र हैं। इस समझौते से महाराष्ट्र में रोजगार के अवसर पैदा होंगे।
एफटीआईआई के अध्यक्ष आर. माधवन ने कहा कि छोटे शहरों से बड़ी संख्या में प्रतिभाशाली व्यक्ति उभर रहे हैं। एक महिला अचार बनाना सिखा रही है और वह एक छोटी सी झोपड़ी में ऑडियो टेप बनाकर उससे आय अर्जित कर रही है। महाराष्ट्र की यह प्रतिभा इतिहास रचने वाली है। पश्चिमी फिल्मों में हमेशा सुपरमैन, बैटमैन और स्पाइडरमैन को शक्तिशाली दिखाया जाता है, लेकिन अब समय आ गया है कि दुनिया हनुमान और कृष्ण की महानता को भी पहचाने। हमारे गांवों और शहरों के इन लोगों के पास बताने के लिए अनोखी कहानियां हैं। इनके माध्यम से हम ‘सुपर पावर’ और ‘सॉफ्ट पावर’ दोनों हासिल कर सकेंगे।