पुणे न्यूज (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: जिला परिषद और पंचायत समिति के चुनावों की घोषणा से पहले ही इच्छुक उम्मीदवारों ने जोरदार प्रचार शुरू कर दिया है। आरक्षण घोषित होने के बाद, उम्मीदवारों ने गांव के चौकों पर बैनर लगाकर अपनी उम्मीदवारी का प्रदर्शन किया है।
दीपावली के त्योहार के अवसर पर मतदाताओं को लुभाने के लिए मिठाई के डिब्बे, वत्र और साड़ियां वितरित की गई, जिससे स्पष्ट होता है कि वे मतदाताओं को अपनी ओर खींचने का हर संभव प्रयास कर रहे हैं।
खेड़ तहसील में जिला परिषद अध्यक्ष पद सामान्य (खुला) है, जबकि पंचायत समिति का सभापति पद सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित है, जिससे विभिन्न वर्गों के उम्मीदवारों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिल रही है। खेड तहसील में आगामी पंचायत समिति चुनाव में महिलाओं के लिए एक बड़ा राजनीतिक अवसर सामने आया है।
पंचायत समिति के सभापति पद को सामान्य महिला वर्ग के लिए आरक्षित कर दिया गया है। इस आरक्षण के कारण बड़ी संख्या में इच्छुक महिलाओं के लिए चुनावी मैदान में उतरने का मार्ग खुल गया है। राजनीतिक गलियारों में उत्साह का माहौल है और कई महत्वाकांक्षी महिला नेता सक्रिय रूप से चुनाव की तैयारी में जुट गई हैं। तहसील के हर ‘गट’ और ‘गण’ में संभावित महिला उम्मीदवारों की संख्या काफी अधिक हो गई है। यह आरक्षण महिलाओं को स्थानीय राजनीति में नेतृत्व करने और निर्णय लेने की प्रक्रिया में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का एक महत्वपूर्ण मंच प्रदान करता है। हालांकि, चुनाव की अंतिम तारीख की घोषणा होने तक यह निश्चित नहीं है कि अंतिम रूप से कौन सी महिला उम्मीदवार मैदान में उतरेंगी।
इस राजनीतिक अनिश्चितता के बीच, सभी संभावित उम्मीदवार मतदाताओं के बीच अपनी पैठ बनाने के लिए जोर-शोर से प्रवार कर रहे हैं। उम्मीदवारों की बढ़ती सक्रियता और मतदाताओं तक पहुंचने के प्रयासी के कारण खेड तहसील में मतदाताओं की ‘दीपावली जोरों पर है।
उम्मीदवारों की तरफ से मतदाताओं के लिए किए जा रहे प्रचार संबंधी खर्च और गतिविधियों से चुनावी माहौल गरमा गया है। यह स्थिति दिखाती है कि आरक्षित सीट ने किस तरह स्थानीय राजनीति में अचानक से हलचल पैदा कर दी है और चुनाव की घोषणा से पहले ही प्रतिस्पर्दा का स्तर काफी ऊँचा हो गया है। इच्छुक उम्मीदवारों ने मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए ‘देवदर्शन की यात्राओं को एक प्रमुख प्रचार रणनीति के रूप में अपनाया है।
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विधानसभा चुनाव से पहले भी ऐसी यात्राएं आयोजित की गई थीं। वर्तमान में भी कुछ उम्मीदवारों ने मतदाता महिलाओं के लिए उज्जैन, अयोध्या और राज्य के अन्य तीर्थ स्थलों की यात्राएं आयोजित की हैं। इन यात्राओं के लिए पच्चीस से पचास बसों और ट्रेनों का उपयोग किया जा रहा है, जिसके माध्यम से एक साथ लगभग ढाई हजार महिलाओं को देवदर्शन कराया जा रहा है। यह माना जा रहा है कि इन यात्राओं से महिलाओं का ‘देवदर्शन’ हो रहा है और उम्मीदवारों को चुनाव में इसका भरपूर लाभ मिल रहा है, स्वथ ही उनकी पहचान भी मजबूत हो रही है।