File
पुणे: पुणे में मेट्रो शुरू होने के बाद शहर का मिजाज बदल गया है, लेकिन फिलहाल मेट्रो कुछ किलोमीटर तक ही सीमित है। इसकी वजह से शहर के हर कोने के लोगों को इससे कोई फायदा नहीं हो रहा। कात्रज (Katraj) और निगडी (Nigdi) तक मेट्रो के पहुंचने से शहर की एक बड़ी आबादी को इसका लाभ होगा और ट्रैफिक पर बहुत हद तक भार कम होगा, लेकिन पुणे के निगडी और कात्रज के विस्तारित मार्ग पर मेट्रो (Pune Metro) के काम शुरू होने का अभी भी इंतजार है।
अगले तीन से चार महीने में पुणे मेट्रो के फेज-1 के सभी काम पूरे होने का दावा किया जा रहा है। इसके बाद महामेट्रो के पास मेट्रो का कोई काम नहीं रहेगा। केंद्रीय मंत्रिमंडल ने अभी तक कात्रज और निगड़ी मेट्रो को मंजूरी नहीं दी है।
निगडी और कात्रज तक मेट्रो का काम शुरू करने की मांग लंबे समय से की जा रही हैं। महामेट्रो ने इसका विस्तृत डीपीआर तैयार कर पुणे महानगरपालिका और राज्य सरकार की मंजूरी के लिए भेजा था। पुणे और पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिका और राज्य सरकार ने खर्च का भार उठाकर प्रोजेक्ट को मंजूरी दी है, लेकिन केंद्र सरकार के स्तर पर आज भी इस विस्तृत रुट को मान्यता देने को लेकर टालमटोल जारी है। महामेट्रो का अधिकांश काम अगले दो से तीन महीने में पूरा होने के संकेत मिल रहे हैं। अंडरग्राउंड रुट के एक दो स्टेशन के काम को छोड़कर महामेट्रो के पास नया कोई मेट्रो कंस्ट्रक्शन का काम बाकी नहीं है। ऐसे में फिलहाल पुणेकरों को केवल 33 किलोमीटर के मेट्रो रुट पर ही सफर करना होगा।
शहर और पिंपरी-चिंचवड के मेट्रो स्टेशन में 100वां एक्सीलेटर (सरकती सीढ़ी) लगाने का काम महामेट्रो ने शुक्रवार को पूरा किया। दोनों शहर के मेट्रो के 33 स्टेशन हैं। इन स्टेशनों में 166 एक्सीलेटर बनाया जाना है। इनमें से 100वां एक्सीलेटर दापोडी स्टेशन में बनाया गया है। यह एक्सीलेटर शिंडलर कंपनी के पुणे के कारखाने में तैयार किया गया है। मेट्रो प्रोजेक्ट के तहत 137 लिफ्ट बनाए जाने हैं, इनमें से 71 लिफ्ट शुरू हो गए है। भविष्य में यात्रियों की संख्या बढ़ सकती है, इस बात को ध्यान में रखते हुए एस्केलेटर और लिफ्ट लगाए जा रहे है। लगाए गए 100वां एक्सीलेटर मेक इन इंडिया के तहत पुणे में तैयार हुआ है।