वैष्णवी हगवणे और राजेंद्र हगवणे (सोर्स: सोशल मीडिया)
पुणे: वैष्णवी आत्महत्या मामले ने पुणे के साथ-साथ पूरे राज्य को स्तब्ध कर दिया है। आखिरकार पिंपरी-चिंचवड़ पुलिस ने इस मामले में ससुर राजेंद्र हगवणे और उनके बेटे सुशील हगवणे को स्वारगेट से गिरफ्तार कर लिया है। पिछले सात दिनों से उनकी की जा रही थी। राजेंद्र हगवणे उपमुख्यमंत्री अजित पवार की पार्टी के पदाधिकारी थे। वैष्णवी आत्महत्या मामले में राजेंद्र और सुशील को शुक्रवार सुबह करीब साढ़े पांच बजे गिरफ्तार किया गया।
पिछले सप्ताह राजेंद्र हगवणे की बहू वैष्णवी हगवणे ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। उस दिन से राजेंद्र और उसका बेटा सुशील फरार थे। पुलिस पहले ही वैष्णवी के पति शशांक, सास लता और ननद करिश्मा को गिरफ्तार कर चुकी है। तीनों को 26 मई तक पुलिस हिरासत में रखा गया है।
गुरुवार को पूरे दिन राजनीतिक नेताओं ने वैष्णवी के माता-पिता कस्पटे परिवार से मुलाकात की और उन्हें सांत्वना दी। आश्वासन दिया गया कि आरोपी को जल्द से जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा। पुलिस की 6 टीमें आरोपियों की तलाश में लगी थीं। अंततः उन्हें स्वारगेट से गिरफ्तार किया गया है।
राज्य के उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी कस्पटे परिवार से फोन पर बात की और उन्हें आश्वस्त किया। डिप्टी सीएम ने उन्हें आश्वासन दिया था कि आरोपियों को जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
वैष्णवी हगवणे आत्महत्या मामले में आरोपी राजेंद्र हगवणे और सुशील हगवणे की तलाश में क्राइम ब्रांच और पुलिस स्टेशन की कुल 8 टीमें लगी हुई थीं। पुलिस आयुक्त विनय कुमार चौबे व्यक्तिगत रूप से इस मामले की निगरानी कर रहे थे। वे आवश्यक निर्देश दे रहे थे। राजेंद्र और उनके बेटे को पकड़ना मुश्किल था क्योंकि वे हर बार अपना स्थान बदल देते थे।
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डिप्टी सीएम अजित पवार ने राजेंद्र हगवणे को पार्टी से निष्कासित कर दिया है। अजित पवार ने वैष्णवी के पिता अनिल कस्पटे को भी आश्वासन दिया है कि उन्हें जल्द ही गिरफ्तार कर लिया जाएगा। अनिल कासपाटे से फोन पर बात करते हुए अजित पवार ने राजेंद्र को लेकर अपना गुस्सा भी जाहिर किया। अजित पवार ने अनिल कस्पटे को आश्वासन दिया है कि वह इस लड़ाई में उनके साथ है।