पुरंदर इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: पुरंदर एयरपोर्ट के लिए प्रशासन ने ‘डिवाइड एंड रूल’ की नीति अपनाकर किसानों के बीच फूट डाली है। यह गंभीर आरोप प्रभावित किसानों ने लगाया है। किसानों ने यह भी दावा किया है कि सरकार द्वारा बताई जा रही 90% सहमति की जानकारी भ्रामक और गलत है।
वे पुणे में आयोजित कार्यकम में बोल रहे थे। ग्राम पंचायत पारगांव की सरपंच ज्योति मेमाणे ने कहा, “प्रशासन ने 10% मुआवजे का लालच दिखाकर सात गांवों के किसानों में भ्रम और विभाजन पैदा किया है।
हमारे ही कुछ नेता सरकार के एजेंट बनकर किसानों पर सहमति देने का दबाव बना रहे हैं, वास्तव में हमने कोई सहमति नहीं दी है। किसानों ने प्रशासन से उन लोगों की सूची सार्वजनिक करने की बार-बार मांग की है, जिन्होंने कथित तौर पर सहमति दी है, लेकिन वह सूची अब तक सार्वजनिक नहीं की गई। यह आरोप किसानों ने लगाया है।
मेमाने ने कहा कि हमने सूचना के अधिकार (RTI) के तहत भी जानकारी मागी, फिर भी प्रशासन जवाब नहीं दे दे रहा। इसका मतलब है कि भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया पारदर्शी नहीं है। है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर सच में 90% लोगों ने सहमति दी है तो बाकी 10% किसानों से जमीन देने की विनती करने की जरूरत ही क्या है?
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प्रशासन कुछ गिने-चुने लोगों की फर्जी सहमति दिखाकर आंकडे बढ़ा रहा है, किसानों ने यह भी स्पष्ट किया कि भले ही कुछ बाहरी निवेशकों ने सहमति दी हो, स्थानीय किसान अब भी एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के खिलाफ है। सरकार ने हमारी जमीन की माप-जांच की प्रक्रिया जबरन शुरू कर दी है। गरीब किसानों पर हो रहे इस अन्याय के खिलाफ आवाज उठाने के लिए हम एकजुट हुए हैं।