पिपरी-चिंचवड मनपा (सौ. सोशल मीडिया )
Pimpri Chinchwad News In Hindi: पिंपरी-चिंचवड मनपा की इनकम दिन-ब-दिन सीमित होती जा रही है। महंगे विकास कार्यों पर अत्यधिक खर्च, अनावश्यक परियोजनाओं का कार्यान्वयन, अधिकारियों और कर्मचारियों के वेतन का भारी बोझ और घटते इनकम स्रोत के कारण जिसे कभी धनी मनपा समझा जाता था, उस पिंपरी-चिंचवड मनपा पर अब आर्थिक सीमाएं आ रही हैं।
ऐसी स्थिति में नए मनपा आयुक्त को चुनाव तक वित्तीय कामकाज में अनुशासन लाना एक बड़ी चुनौती होगी, पिंपरी-चिंचवड मनपा का वर्ष 2025-26 का बजट 6,256 करोड़ 39 लाख रुपए है। दावा किया गया है कि इतनी ही इनकम होगी।
जीएसटी की दरें कम होने से जीएसटी का रिटर्न कम होगा। राज्य सरकार के लोकल बॉडी टैक्स विभाग को बंद करने के आदेश के कारण वहां से वसूली की उम्मीद करना व्यर्थ है। टैक्स कलेक्शन विभाग से 1,050 करोड़ रुपए जमा होने की बड़ी उम्मीद है, लेकिन छह महीने में केवल 606 करोड़ रुपए ही जमा हुए हैं। निर्माण अनुमति विभाग की इनकम भी संतोषजनक नहीं है।
अन्य विभागों से जमा होने वाला राजस्व बड़ा नहीं है। केंद्र और राज्य सरकार से मिलने वाले अनुदान में कटौती की गई है, इसके लिए प्रशासन को बार-बार फॉलो-अप करना पड़ रहा है। ऐसे में मनपा की इनकम लगातार घट रही है।
इसके बावजूद प्रशासन द्वारा महंगे और बड़े प्रोजेक्ट्स शुरू किए गए है। शहर को जिनकी आवश्यकता नहीं है ऐसे कार्यों और परियोजनाओं को प्राथमिकता दी जा रही है। सड़कों को संकरा करके फुटपाथ बढ़ाए जा रहे हैं।
सड़क सौंदयीकरण पर करोड़ों खर्च किए जा रहे हैं, इसके लिए ग्रीन बांड के जरिए 200 करोड़ रुपए का कर्ज लिया गया है। साबरमती नदी सुधार परियोजना की तर्ज पर पवना, मुला और इंद्रायणी नदी सुधार परियोजनाओं पर सबसे अधिक खर्च किया जाएगा। मुला नदी के लिए म्युनिसिपल बांड से 200 करोड़ का कर्ज लिया गया है, इसके लिए और कर्ज लिया जा रहा है।
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मशीन से सड़कों की सफाई, मोशी कचरा डिपो में बायोमाइनिंग, चिंचवड में मनपा की नई इमारत का निर्माण, मोशी में मल्टीस्पेशलिटी अस्पताल, अर्बन स्ट्रीट डिजाइन से सड़कों का सौंदयीकरण, हरित सेतु परियोजना, अस्पतालों के लिए मानव संसाधन उपलब्ध कराना, मनपा के कामकाज को ऑनलाइन करना, शहर में सीसीटीवी कैमरे लगाना, शहर में बिजली की रोशनी लगाना, अंडरपास और ग्रेड सेपरेटर बनाना, प्रबोधन पर्व के नाम पर जारी फिजूलखर्ची।