पिंपरी: हाइवे (Highway) पर यात्रा करते समय आरटीओ (RTO) विभाग द्वारा गुप्त रूप से स्पीड गन (Speed Gun) लगाई जाती है। रफ्तार तेज करने पर पेनल्टी होती है। इस कार्रवाई को रोका जाना चाहिए। साथ ही बीजेपी प्रवक्ता संदीप खर्डेकर (BJP Spokesperson Sandeep Khardekar) ने मांग की है कि यदि इस तरह की कार्रवाई की जानी है तो राज्य में राजमार्गों का निर्माण रोक दिया जाए। उन्होंने इस संबंध में गृह मंत्री दिलीप वलसे पाटिल और परिवहन मंत्री अनिल परब को एक पत्र (Letter) दिया है।
संदीप खर्डेकर के पत्र में कहा गया है कि केंद्रीय भूमि परिवहन और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी द्वारा राजमार्गों के निर्माण को लेकर की गई घोषणाओं को हर दिन पढ़ा और देखा जा रहा है। पुणे- संभाजीनगर डेढ़ घंटे में, पुणे-बंगलुरु तीन घंटे में, मुंबई-नागपुर छह घंटे में। आप उस गति के बारे में भी पढ़ सकते हैं जिस गति से विभिन्न मंत्री और नेता समृद्धि राजमार्ग पर गाड़ी चलाते हैं। एक तरफ विश्वस्तरीय सड़कें बन रही हैं, जो विकास को गति देने वाली बताई जा रही हैं, वहीं दूसरी तरफ आरटीओ, हाइवे पुलिस, ट्रैफिक पुलिस के जरिए हाइवे पर स्पीड लिमिट चेक की जा रही है और संबंधित लोगों पर भारी जुर्माना लगाया जा रहा है।
टोल नाका के पास हाइवे पुलिस का रिकवरी दस्ता खड़ा है। टोल प्लाजा पर पंद्रह मिनट से आधा घंटा बिताने के बाद हमें फिर से इस रिकवरी दस्ते का सामना करने का दर्द झेलना पड़ रहा है। कभी-कभी अनजाने में वाहन की गति बढ़ा दी जाती है तो स्पीड गन से पकड़ लिया जाता है और अब जुर्माना लगाया जाता है। आख़िर सरकार से क्या उम्मीद है? राज्य सरकार को केंद्रीय भूमि परिवहन और जहाजरानी मंत्री नितिन गडकरी को पत्र भेजना चाहिए। राज्य सरकार सभी वाहन चालकों को सूचित करें कि आपको टोल देकर ही 70 से 80 की गति से जाना है।
संदीप खर्डेकर ने कहा कि यह सब समझ से बाहर है। एकमात्र सांत्वना यह है कि हमारे कई मंत्रियों को दंडित भी किया गया है। खर्डेकर ने यह भी मांग की कि नागरिकों पर लगाए गए अनावश्यक जुर्माने को वापस लिया जाए और कार्रवाई को रोका जाए।