भारत के पहले ग्रीन मेथनॉल बंकरिंग एवं रीफ्यूलिंग संयंत्र का शिलान्यास (Image- Social Media)
Pune News: पुणे के सोपान ग्रुप ने वीओसी पोर्ट अथॉरिटी (वीओसीपीए) के साथ मिलकर भारत के पहले ग्रीन मेथनॉल बंकरिंग एवं रीफ्यूलिंग संयंत्र का शिलान्यास किया है। यह देश में पर्यावरण के अनुकूल समुद्री बुनियादी ढांचा (सस्टेनेबल मैरीटाइम इन्फ्रास्ट्रक्चर) बनाने की दिशा में उल्लेखनीय कदम है।
इस परियोजना का शिलान्यास केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्री माननीय श्री सर्वानंद सोनोवाल ने किया। यह भारतीय बंदरगाहों को कार्बन उत्सर्जन मुक्त बनाने और स्वच्छ ऊर्जा की ओर देश के बढ़ते कदमों को समर्थन देने की दिशा में महत्वपूर्ण पहल है।
यह ग्रीन मेथनॉल संयंत्र नेट जीरो उत्सर्जन को लेकर भारत की प्रतिबद्धता और मैरीटाइम इंडिया विजन 2030 के अनुरूप है, जिसके तहत स्वच्छ ईंधन और पर्यावरण के अनुकूल बंदरगाहों के विकास को बढ़ावा दिया जा रहा है।
केंद्रीय बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्रीसर्वानंद सोनोवाल ने 5 सितंबर, 2025 को वीओ चिदंबरनार पोर्ट अथॉरिटी (पूर्ववर्ती तूतीकोरिन पोर्ट ट्रस्ट) पर इस पायलट परियोजना की नींव रखी। यह शिपिंग के लिए ईंधन के स्रोत के रूप में ग्रीन मेथनॉल के प्रयोग पर फोकस करते हुए बंदरगाह को कार्बन उत्सर्जन मुक्त बनाने की दिशा में भारत की पहली पायलट परियोजना है। इस परियोजना के तहत 750 घन मीटर का ग्रीन मेथनॉल बंकरिंग एवं शिप रीफ्यूलिंग टर्मिनल तैयार किया जाएगा।
वीओसीपीए के चेयरपर्सन सुशांत पुरोहित ने कहा, ‘भारत सरकार ने 2070 तक नेट जीरो का लक्ष्य रखा है। इसी लक्ष्य के अनुरूप महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए वीओसी पोर्ट अपने ग्रीन पोर्ट मिशन को आगे बढ़ा रहा है। हमने सफलतापूर्वक पायलट ग्रीन हाइड्रोजन प्रोजेक्ट पूरा कर लिया है। पर्यावरण संरक्षण एवं वैश्विक मानक स्थापित करने के अपने प्रयासों को आगे बढ़ाते हुए वीओसीपीए अब भारत का पहला ग्रीन मेथनॉल बंकरिंग एवं रीफ्यूलिंग संयंत्र स्थापित कर रहा है। वीओसीपीए को ग्रीन एनर्जी इकोसिस्टम और ईपीसी परियोजनाओं के क्षेत्र में अनुभवी सोपान ग्रुप के साथ साझेदारी की खुशी है।’
सोपान के डायरेक्टर अनिरुद्ध काडवेकर ने कहा, ‘सोपान सिर्फ एक संयंत्र नहीं स्थापित कर रहा है, बल्कि हम भारत के ग्रीन मैरीटाइम फ्यूचर यानी समुद्री परिवहन के पर्यावरण के अनुकूल भविष्य की आधारशिला रख रहे हैं। वीओसी पोर्ट तूतीकोरिन पर भारत का पहला समर्पित ग्रीन मेथनॉल बंकरिंग हब स्थापित करते हुए हम जहाजों के कार्बन डाई ऑक्साइड उत्सर्जन को 95 प्रतिशत तक कम करने और वैकल्पिक ईंधन बाजार में प्रमुख भागीदार के रूप में भारत की स्थिति को मजबूत करने में सक्षम होंगे। यह परियोजना हमारी ‘मेक इन इंडिया’ क्षमता का प्रमाण है और नेट जीरो की दिशा में बड़ी छलांग है।
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इससे सुनिश्चित होगा कि भारतीय बंदरगाह पर्यावरण के अनुकूल शिपिंग के लिए प्राथमिक पसंद बनकर सामने आएं। हम इस परियोजना के लिए हम पर भरोसा करने वाले वीओसी पोर्ट अथॉरिटी का और इस बोल्ड विजन का समर्थन करने के लिए बंदरगाह, जहाजरानी एवं जलमार्ग मंत्रालय का आभार व्यक्त करते हैं।’