राखियां भेजने से पहले श्रीमती लक्ष्मीबाई दगडूशेठ हलवाई दत्त मंदिर में की गई प्रार्थना
पुणे: नागरिकों की सुरक्षा के लिए सैनिक चौबीसों घंटे देश की सीमाओं की रक्षा कर रहे हैं। इन जवानों को भाई मानने वाली पुणे की बहनें सीमा पर तैनात जवानों के लिए सवा लाख राखियां भेजने जा रही हैं। राखियां भेजने से पहले श्रीमती लक्ष्मीबाई दगडूशेठ हलवाई दत्त मंदिर में सैनिकों के लिए प्रार्थना करते हुए इन राखियों की पूजा की गई। इस दौरान पूरा परिसर भारत माता के जयकारे से गूंज उठा।
सैनिक मित्र परिवार एवं सहयोगी संगठनों द्वारा भेजी गई रक्षा सामग्री श्रीमती लक्ष्मीबाई दगडूशेठ हलवाई दत्त मंदिर में अर्पित की गई। सुनीता राजे पवार, विभावरी बडवे, मीनाक्षी गुरव द्वारा राखियों की पूजा की गई। जिसके बाद इन राखियों को सीमा पर तैनात जवानों के लिए डाक द्वारा भेजा गया। इस अवसर पर सैनिक मित्र परिवार के आनंद सराफ, दत्त मंदिर ट्रस्ट के अध्यक्ष राजेंद्र बलकवडे, एडवोकेट प्रताप परदेशी, रजनी उकारंडे, शिवराज कदम जागीरदार, सारंग सराफ उपस्थित थे। राखी के साथ-साथ स्कूल और कॉलेज के विद्यार्थियों द्वारा बनाए गए चित्र भी सैनिकों को भेजे गए।
इस दौरान आनंद सराफ ने कहा कि भारतीय त्योहार रक्षा बंधन रिश्तों को मजबूत करने का जरिया हैं। देश के सीमावर्ती इलाकों में हर रेजिमेंट को राखियां भेजी जाती हैं। राखियां पहुंचने के बाद सभी धर्मों के देवी-देवताओं की पूजा कर सैनिकों की फौलादी कलाइयों पर राखी बांधी जाती है। अक्सर सैनिक जवाब में पत्र और उपहार भी भेजते हैं। 1998 से सीमा पर तैनात जवानों को राखियां भेजी जा रही हैं। हर साल यह कार्यक्रम आयोजित किया जाता है।
इस अवसर पर फरासखाना सहायक पुलिस आयुक्त नूतन पवार, वीरमाता गीता गोडबोले, भाजपा शहर उपाध्यक्ष स्वरदा बापट, मनसे महिला शहर अध्यक्ष वनिता वागस्कर, साहित्य परिषद की समन्वयक सुनीता राजे पवार, पुणे श्रमिक पत्रकार संघ की महासचिव मीनाक्षी गुरव, रमन बाग की प्रधानाध्यापिका चारुता प्रभुदेसाई, रामराज्य सहकारी बैंक के नंदा लोणकर, पुष्पा कनोजिया को सम्मानित किया गया। ललित आगवणे, रोहन कापसे, गिरीश पोटफोडे, नंदा पंडित, कल्याणी सराफ ने इस आयोजन में भाग लिया।
बता दें कि राखी पर्व भाई बहन के स्नेह और उस परस्पर भरोसे को समर्पित है, जिसमें निश्स्वार्थ सुरक्षा का वचन दिया जाता है। इस त्योहार पर बहनें भाइयों के घर या भाई बहनों के घर जाते हैं। लेकिन, देश की सुरक्षा के लिए सरहदों पर तैनात लाखों जवानों को इस त्योहार पर भी अपने परिवार से दूर रहना होता है। ऐसे में इन जवानों के लिए हर साल स्कूली छात्र राखियां बनाती हैं। इन राखियों को छात्रों ने भारतीय सेना के जवानों के लिए तैयार किया है। छात्राओं का कहना है कि सीमा पर पहरा दे रहे जवानों के लिए राखी बनाई है, क्योंकि अपने घरों से दूर जवान हमारे देश की सेवा कर रहे हैं। भारतीय सेना की सलामती की कामना करते हुए राखियां भेंट की गई है। रक्षाबंधन पर देश की सुरक्षा के लिए सरहदों पर तैनात जवानों के हाथों में छात्राओं द्वारा भेजी गयी राखी सजेगी। जिसे रक्षाबंधन के अवसर पर सीमा पर तैनात जवानों तक भेजा जाएगा।
इसके अलावा पुणे के कई स्कूल-कॉलेज विद्यार्थियों द्वारा देश की सीमा पर तैनात जवानों को स्वनिर्मित राखियां और शुभ संदेश भेजे जा रहे हैं। पिछले 17 वर्षों से अभिनव एजुकेशन सोसायटी के आंबेगांव के इंग्लिश मीडियम स्कूल और जूनियर कॉलेज, प्राथमिक, माध्यमिक, सीबीएसई स्कूल और जूनियर कॉलेज के छात्र इस गतिविधि को अंजाम दे रहे हैं।