पुणे महानगरपालिका (सौजन्यः सोशल मीडिया)
Pune News In Hindi: पुणे मनपा के टेंडरों में बार-बार गड़बड़ियों और भ्रष्टाचार के आरोप लगने के बाद प्रशासन ने अब सख्त रुख अपनाया है। महापालिका आयुक्त नवल किशोर राम ने टेंडरों की जांच के लिए विशेष समिति गठित करने का निर्णय लिया है। इस समिति में वरिष्ठ अधिकारी शामिल होंगे जो टेंडरों की पारदर्शिता और नियम व शर्तों की पड़ताल करेंगे।
महापालिका हर साल सैकड़ों करोड़ रुपए के विकास कार्य करती है, लेकिन टेंडर प्रक्रिया पर बार-बार सवाल उठते रहे हैं। आरोप है कि विशेष ठेकेदारों को लाभ दिलाने के लिए नियम व शर्तें रखी जाती हैं। ठोस कचरा व सुरक्षा विभाग के टेंडर को लेकर पहले भी विवाद हो चुका है। कई बार शर्तों के कारण टेंडर रद्द करनी पड़ीं जिससे कार्यों में देरी हुई और प्रशासन पर अतिरिक्त बोझ पड़ा।
नई समिति द्वारा टेंडर ओपन करने के बाद नियमों के पालन, पूर्व गणपत्रक के बढ़ने, दर और टेंडर मूल्य की सख्त जांच की जाएगी। अक्सर बहुत कम दर पर आने वाले टेंडर से काम की गुणवत्ता पर सवाल खड़े हो जाते हैं। इसे देखते हुए समिति की भूमिका अहम मानी जा रही है। नाले सफाई के टेंडर की तरह सड़क मरम्मत का टेंडर भी बहुत कम दर पर आने से नागरिकों के मन में आशंका पैदा हो रही है।
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सवाल उठ रहा है कि आखिर इतने कम दर में काम सही ढंग से होगा या फिर केवल कागजों पर ही मरम्मत पूरी दिखाई जाएगी। शहर में सड़क मरम्मत और चेंबर समतलीकरण के लिए निकाले गए मनपा के टेंडर इस बार 30 से 46 प्रतिशत तक कम दर पर आए हैं। इससे पूर्व गणपत्रक की विश्वसनीयता और ठेकेदारों द्वारा काम की गुणवत्ता पर सवाल उठने लगे हैं।