मुंबई में मूसलाधार, कई जिलों में चेतावनी (सौजन्यः सोशल मीडिया)
मुंबई: मुंबई ने शनिवार की आधी रात के बाद जैसे ही बारिश की पहली गड़गड़ाहट सुनी, पूरा शहर मानो फिर उसी पुराने मानसूनी रंग में रंग गया। रविवार की सुबह तक रुक-रुककर होती बारिश ने हर सड़क और गली को गीला कर दिया। लोगों के लिए यह एक साथ राहत और चुनौती लेकर आई। कई इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी, ट्रैफिक धीमा पड़ा और मौसम विभाग ने दिनभर के लिए भारी बारिश का अलर्ट जारी कर दिया।
बारिश ने दक्षिण मुंबई से लेकर उपनगरों तक अपनी मौजूदगी दर्ज कराई। दादर, वरली, परेल और प्रभादेवी में रात से ही झमाझम पानी बरसता रहा। अंधेरी, बोरिवली, कांदिवली और भायखला में भी पानी की धारें ऐसी बरसीं कि लोग छतरियां संभालते रह गए। रविवार की सुबह होते ही बादलों ने फिर से मोर्चा संभाल लिया और एक बार फिर तेज बारिश ने मुंबई को थमा दिया। निचले इलाकों में पानी जमा होने से परेशानी बढ़ गई।
मुंबई में वरली – 26 मिमी, चेंबूर – 24 मिमी, एफ वॉर्ड – 24.89 मिमी, प्रतीक्षा नगर – 20.2 मिमी, दादर – 16.75 मिमी, नरिमन पॉइंट – 15.8 मिमी और कुलाबा – 10.65 मिमी बारिश हुई. मुंबई महानगरपालिका के इन आंकड़ों से साफ है कि शहर के लगभग हर कोने ने मानसून की फुहारों का स्वागत किया। जो लोग कुछ दिनों की गर्मी और उमस से परेशान थे, उनके लिए यह बारिश ठंडी हवा और राहत का तोहफा बनकर आई।
मुंबई के अलावा कोकण भी भीग रहा है। रायगढ़, रत्नागिरी और सिंधुदुर्ग जिलों में देर रात से ही पानी बरस रहा है। वहां के तटीय इलाकों में गलियां पानी से लबालब हो गई हैं। बाजारों में कीचड़ फैल गया है और गांवों की गलियों में पानी की धाराएं बह रही हैं। मौसम विभाग ने कोकण के सभी जिलों के लिए आज भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।
समुद्र में ऊंची लहरें उठ रही हैं। मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी गई है। तटीय गांवों में लोगों को सतर्क रहने को कहा गया है। पुणे जिले के घाट क्षेत्रों में भी मानसून ने अपना असर दिखाया है। मुळशी, ताम्हिणी घाट और लोनावला की हरियाली पानी से नहाई हुई है। पिछले 48 घंटों में शिरगांव, अम्बोना और डावडी में 100 मिमी से ज्यादा बारिश रिकॉर्ड की गई। मौसम विभाग ने पुणे घाट क्षेत्र के लिए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है।
इसके चलते प्रशासन ने पर्यटकों से अपील की है कि वे अनावश्यक रूप से इन इलाकों में न जाएं क्योंकि भारी बारिश के साथ ही भूस्खलन और रास्ते बंद होने का खतरा भी बढ़ गया है। मध्य महाराष्ट्र के नाशिक, अहमदनगर, सातारा, सांगली और कोल्हापुर जिलों में हल्की से मध्यम बारिश ने किसानों के चेहरे पर मुस्कान ला दी है। खेतों में नमी बनी हुई है और बोवाई का काम तेजी से शुरू हो गया है। सातारा और कोल्हापुर के घाट क्षेत्रों में बादल लगातार बरस रहे हैं, जिससे हरियाली और ताजगी फैल गई है।
बारिश ने खेतों में नमी बढ़ाई। बोवाई के काम को रफ्तार मिली। किसान बोले – “सही समय पर पानी गिरा, भगवान की कृपा है।”
विदर्भ और मराठवाड़ा में फिलहाल बारिश की तीव्रता कम है। नागपुर, अमरावती, चंद्रपुर और यवतमाल जिलों में हल्की फुहारें पड़ी हैं। मराठवाड़ा के औरंगाबाद, लातूर, बीड और उस्मानाबाद जिलों में भी कुछ जगहों पर बूंदाबांदी हुई है। मौसम विभाग ने हालांकि साफ कहा है कि मंगलवार से विदर्भ और मराठवाड़ा में भी बारिश का जोर बढ़ सकता है। यह खबर वहां के किसानों के लिए राहत भरी है, जो बारिश का इंतजार कर रहे हैं।
बारिश के कारण पूरे महाराष्ट्र में तापमान में गिरावट आई है। मुंबई और कोकण में अधिकतम तापमान 29 से 31 डिग्री के बीच रहने का अनुमान है। पुणे में 28 से 30 डिग्री, नाशिक और कोल्हापुर में 27 से 29 डिग्री और विदर्भ के कुछ हिस्सों में 31 से 34 डिग्री तक तापमान रह सकता है। उमस में भी कमी आई है और हवा में ठंडक घुल गई है।
अनावश्यक यात्रा से बचें। निचले इलाकों में जलभराव से सतर्क रहें। वाहन चलाते समय सावधानी रखें। घाट क्षेत्रों में भूस्खलन के खतरे को देखते हुए सतर्कता बरतें। मछुआरे समुद्र में न जाएं। कुल मिलाकर, मानसून ने महाराष्ट्र को राहत और चुनौती दोनों दी हैं। मुंबई में बारिश ने गर्मी से निजात दी, लेकिन साथ ही सड़कों पर पानी जमा कर दिया। कोकण में गांवों और समुद्र तटों पर अलर्ट जारी हुआ है।
पुणे के घाट क्षेत्रों में ऑरेंज अलर्ट ने प्रशासन को सतर्क कर दिया है। विदर्भ और मराठवाड़ा में भी अगले कुछ दिनों में मानसून के पूरी तरह सक्रिय होने की संभावना है। यह मौसम ठंडक और हरियाली लाता है, लेकिन इसके साथ जिम्मेदारी भी। नागरिकों को चाहिए कि वे सतर्क रहें, प्रशासन की सलाह मानें और बारिश का आनंद सुरक्षित रहकर लें।