पुरंदर एयरपोर्ट (pic credit; social media)
Purandar International Airport: पुरंदर इंटरनेशनल एयरपोर्ट प्रोजेक्ट के लिए राज्य प्रशासन ने जमीन अधिग्रहण की तैयारी पूरी कर ली है। इसी क्रम में शुक्रवार, 20 सितंबर से प्रभावित तीन गांवों में जमीन का माप और सर्वेक्षण शुरू कर दिया गया है। इस सर्वेक्षण में किसानों के खेत, फरस्ते, पेड़-पौधे, कुएं, पाइपलाइन, गौशालाएं और अन्य संरचनाएं शामिल हैं।
सरकार का दावा है कि लगभग 95 प्रतिशत किसानों ने एयरपोर्ट के लिए जमीन देने पर सहमति दे दी है। लेकिन प्रभावित किसानों का रुख अब भी स्पष्ट है। उनका कहना है कि सर्वेक्षण भले ही हो जाए, लेकिन एयरपोर्ट के लिए जमीन देना या नहीं यह मुआवजा मिलने के बाद ही तय किया जाएगा।
इस अवसर पर अपर जिलाधिकारी सहल पाटिल, उप जिलाधिकारी, भू-अधिक्षण अधिकारी कल्याण पांढरे और प्रादेशिक अधिकारी बारामती हनुमंत पाटिल सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।
गांव का नाम | माप/सर्वेक्षण शुरू | मुआवजा पैकेज विवरण | सर्वेक्षण की स्थिति |
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एखतपुर | 20 सितंबर 2025 | कुल भूमि का 10%, चौगुनी धनराशि, पेड़-पौधे/कुएं का मुआवजा | माप प्रक्रिया जारी |
मुंजवडी | 20 सितंबर 2025 | कुल भूमि का 10%, चौगुनी धनराशि, पेड़-पौधे/कुएं का मुआवजा | माप प्रक्रिया जारी |
उदाचीकडी | 20 सितंबर 2025 | कुल भूमि का 10%, चौगुनी धनराशि, पेड़-पौधे/कुएं का मुआवजा | माप प्रक्रिया जारी |
अन्य प्रभावित गांव | बाद में | समान पैकेज लागू होगा | सर्वेक्षण की योजना बनाई जा रही है |
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पुरंदर तालुका में एयरपोर्ट के लिए राज्य सरकार ने 10 मार्च को अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना के तहत लगभग 7,500 एकड़ भूमि अधिग्रहित करने की घोषणा की गई थी। हालांकि, प्रभावित किसानों ने इसका विरोध किया था। इसके बाद राजस्व मंत्री चंद्रशेखर चाकनकुले ने किसानों के शिष्टमंडल से चर्चा की, लेकिन विरोध कायम रहा।
सरकार ने इसके बाद मुआवजा पैकेज की घोषणा की। इस पैकेज के अनुसार, जमीन देने वाले किसानों को कुल भूमि का 10 प्रतिशत हिस्सा, चौगुनी धनराशि और पेड़-पौधों, कुओं और अन्य संपत्तियों के मूल्य के अनुसार मुआवजा दिया जाएगा।
सरकार ने प्रभावित जमीन का माप करने के लिए पांच टीमें नियुक्त की हैं। सर्वेक्षण में ड्रोन का भी उपयोग किया जाएगा। अनुमान है कि यह काम अगले 25 दिनों में पूरा हो जाएगा। पहले चरण में एखतपुर, मुंजवडी और उदाचीकडी गांवों में माप कार्य चल रहा है।
पुरंदर तालुका में प्रस्तावित एयरपोर्ट के लिए इस सर्वेक्षण और मुआवजा प्रक्रिया का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि भूमि अधिग्रहण पारदर्शी और किसानों के हित में हो। अधिकारियों का कहना है कि मुआवजा मिलने के बाद ही किसानों का अंतिम निर्णय भूमि देने के संबंध में स्पष्ट होगा।
इस पहल से एयरपोर्ट प्रोजेक्ट की दिशा में एक और महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया गया है और आने वाले महीनों में पूरे तालुका में भूमि अधिग्रहण की प्रक्रिया तेज होने की संभावना है।