पुणे यूनिवर्सिटी (सौ. सोशल मीडिया )
Pune University: पुणे विश्वविद्यालय की अधिसभा में एक चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। विश्वविद्यालय के प्र-कुलगुरु डॉ पराग कालकर ने बताया कि हाल ही में हुई जांच में 49 महाविद्यालय ऐसे मिले हैं, जो वास्तविक रूप में अस्तित्व में ही नहीं हैं। विश्वविद्यालय की एक समिति ने कुल 55 महाविद्यालयों की जांच की थी, जिसके बाद 49 महाविद्यालय अस्तित्वहीन होने की जानकारी सामने आई है।
समिति ने पाया कि इन महाविद्यालयों के पंजीकरण और दस्तावेज केवल कागजों तक सीमित हैं और वास्तविक गतिविधियां या भवन मौजूद नहीं हैं। यह मामला शिक्षा क्षेत्र में एक बड़ा गंभीर मामला बन गया है। क्योंकि इन महाविद्यालयों से जुड़े छात्र और उनके अकादमिक रिकॉर्ड भी संदिग्ध हो गए हैं।
डॉ पराग कालकर ने अधिसभा को सूचित किया कि विश्वविद्यालय अब इस पूरे मामले की गंभीरता से जांच कर रहा है और दोषी महाविद्यालयों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। उन्होंने कहा कि इस प्रकार की अनियमितताओं को रोकने के लिए भविष्य में नियमों और प्रक्रियाओं को और कड़ा किया जाएगा।
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महाविद्यालयों के खुलासे से छात्रों में चिंता और असंतोष बढ़ गया है। ऐसे छात्रों का भविष्य अनिश्चित हो गया है, जिनके प्रमाण-पत्र और शिक्षण रिकॉर्ड इन महाविद्यालयों से जुड़े हैं। कई छात्रों ने उच्च न्यायालय और शिक्षा मंत्रालय से इस मामले की स्वतंत्र जांच कराने की मांग की है। शिक्षाविदों का कहना है कि यह मामला केवल विश्वविद्यालय प्रशासन की जिम्मेदारी नहीं है, बल्कि शिक्षा विभाग को भी सतर्क होकर इस तरह की अनियमितताओं पर निगरानी रखनी होगी।