राणा का प्रत्यर्पण बड़ी सफलता। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
पुणे: तहव्वुर हुसैन राणा के प्रत्यर्पण को लेकर विभिन्न प्रतिक्रियाओं के बीच अब उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने भी शुक्रवार को इसे एक बड़ी सफलता बताया और कहा कि इससे 26/11 मुंबई आतंकवादी हमलों के पीछे की साजिश के महत्वपूर्ण जानकारियों को उजागर करने में मदद मिलेगी। बता दें कि इस मामले में मुख्य आरोपी पाकिस्तानी मूल के कनाडाई नागरिक राणा को बृहस्पतिवार शाम लॉस एंजेलेस से एक विशेष विमान से दिल्ली लाया गया। जिसके बाद एक विशेष अदालत ने उसे 18 दिन के लिए राष्ट्रीय जांच एजेंसी यानी एनआईए की हिरासत में भेज दिया है।
तहव्वुर राणा पर डेविड कोलमैन हेडली उर्फ दाउद गिलानी और आतंकवादी संगठनों लश्कर-ए-तैयबा (एलईटी), हरकत-उल-जिहादी इस्लामी (एचयूजेआई) तथा पाकिस्तान में रहने वाले अन्य सह-षड्यंत्रकारियों के साथ मिलकर मुंबई में आतंकी हमलों की साजिश रचने का आरोप है, जिनमें 166 लोग मारे गए थे। पुणे में पत्रकारों से बात करते हुए उपमुख्यमंत्री पवार ने 2008 में हमलों के दौरान तत्कालीन मुख्यमंत्री विलासराव देशमुख और गृह मंत्री आर. आर. पाटिल के साथ मुंबई में अपनी मौजूदगी को याद किया।
पवार ने कहा, “ऑपरेशन के बाद हमने सभी हमला स्थलों का दौरा किया। मास्टरमाइंड की पहचान के लिए जांच शुरू की गई। अब जब इस व्यक्ति (राणा) को भारत प्रत्यर्पित कर दिया गया है अब यह पता चल जाएगा कि हमलों के पीछे कौन थे, किसके आदेश पर उसने काम किया और उनका उद्देश्य क्या था। पवार यहां प्रतिष्ठित समाज सुधारक महात्मा फुले की जयंती पर फुले वाड़ा में उन्हें श्रद्धांजलि देने आए थे तब बात कर रहे थे।
बता दें कि आतंकवादी हमले के मामले के मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा को अमेरिका से बृहस्पतिवार को भारत लाया गया और यहां इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय यानी आईजीआई हवाई अड्डे पर पहुंचने पर औपचारिक रूप से उसे गिरफ्तार करने के बाद पटियाला हाउस स्थित एनआईए की विशेष अदालत में पेश किया गया, जहां से उसे 18 दिन के लिए एनआईए की हिरासत में भेज दिया गया। राष्ट्रीय अन्वेषण अभिकरण (एनआईए) के मुख्यालय के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है, जहां मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड तहव्वुर हुसैन राणा को रखा गया है।
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राणा से अब कड़ी जांच पड़ताल की जाएगी। पूछताछ के बाद कई राज खुल जाएंगे। इसी बीच अब एक ऐसी ही जानकारी सामने आई है। मुंबई पुलिस से मिली जानकारी के अनुसार मुंबई आतंकवादी हमले के मामले के मुख्य आरोपी तहव्वुर हुसैन राणा ने सह-साजिशकर्ता डेविड कोलमैन हेडली को भारत का वीजा दिलाने में मदद की थी। तहव्वुर राणा ने 1990 में कनाडा में प्रवास करने और अपनी ‘इमीग्रेशन कंसल्टेंसी फर्म’ शुरू करने से पहले पाकिस्तानी सेना के मेडिकल कोर में भी काम किया था। जिसके बाद वह अमेरिका चला गया था और उसने शिकागो में एक कार्यालय शुरू किया था।