पुणे संपत्ति विवाद (सौजन्य-एक्स)
Seth Hirachand Nemchand Memorial Trust: पुणे में जैन ट्रस्ट की संपत्ति को लेकर चल रहे विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। गोखले लैंडमार्क्स एलएलपी के पार्टनर विशाल गोखले ने सेठ हीराचंद नेमचंद स्मारक ट्रस्ट को ईमेल भेजकर ₹311 करोड़ रुपये के सौदे को रद्द करने की मांग की है।
उन्होंने कहा कि सोशल मीडिया पर फैल रही “भ्रामक अफवाहों” और “झूठी जानकारियों” के कारण वे इस लेनदेन से हट रहे हैं। इस सौदे को लेकर जैन समुदाय में तीव्र विरोध जारी है। पुणे में एक जैन ट्रस्ट की संपत्ति की बिक्री को लेकर उठे विवाद के बीच संबंधित बिल्डर ने ट्रस्ट को पत्र लिखकर सौदा रद्द करने की मांग की है।
गोखले लैंडमार्क्स एलएलपी में पार्टनर विशाल गोखले ने रविवार को सेठ हीराचंद नेमचंद स्मारक ट्रस्ट को एक ईमेल संदेश भेजकर लेनदेन से हटने के अपने फैसले की जानकारी ट्रस्टियों को दी और बिक्री विलेख को रद्द करने का अनुरोध किया। उन्होंने सार्वजनिक रूप से प्रसारित “कई झूठी और भ्रामक अफवाहों” का हवाला दिया, जिनमें सौदे में अनियमितताओं की बात कही गई थी। संपत्ति सौदे का विरोध करने वाले कुछ लोगों ने सोशल मीडिया पर ईमेल के स्क्रीनशॉट साझा किए।
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मॉडल कॉलोनी में लगभग 12,000 वर्ग मीटर (3.5 एकड़) में फैली इस आलीशान संपत्ति में दशकों पुराना जैन बोर्डिंग हाउस और श्री भगवान महावीर दिगंबर जैन मंदिर है, दोनों ही 1958 में स्थापित एक धर्मार्थ ट्रस्ट, सेठ हीराचंद नेमचंद स्मारक ट्रस्ट के अधीन हैं। यह संपत्ति पुणे स्थित गोखले कंस्ट्रक्शन्स ने ट्रस्ट से 311 करोड़ रुपये में खरीदी थी। हालांकि, छात्रों, पूर्व छात्रों, धार्मिक नेताओं और समुदाय के सदस्यों ने इस सौदे का विरोध किया और इसे “अवैध” बताते हुए तर्क दिया कि ट्रस्ट के नियमों के अनुसार इस संपत्ति की बिक्री की अनुमति नहीं है।
(एजेंसी इनपुट के साथ)