(फाइल फोटो)
Pune News In Hindi: पुणे महानगर पालिका (पीएमसी) फुरसुंगी उरुली देवाची कचरा डिपो में जमा 28 लाख टन पुराने कचरे के जैविक उत्खनन (बायोमाइनिंग) और निपटान के लिए पांच अलग-अलग टेंडर जारी करने की तैयारी कर रही है।
प्रत्येक टेंडर लगभग 5।6 लाख टन कचरे की प्रक्रिया को कवर करेगा। महानगर पालिका अधिकारियों ने आगाह किया है कि यदि ठेकेदार आपस में ‘रिंग’ बना लेते हैं या एक ही ठेकेदार को अधिक टेंडर मिलते हैं, तो प्रति टन लागत 900 रुपये से अधिक हो सकती है।
ऐसी स्थिति में पीएमसी को लगभग 250 करोड़ रुपये का अतिरिक्त खर्च उठाना पड़ सकता है। वहीं, नियमों का कड़ाई से पालन और अधिक ठेकेदारों की भागीदारी होने पर कम से कम 100 करोड़ रुपये की बचत संभव है। फुरसुंगी-उरुली डिपो में लंबे समय से खुले में कचरा जमा होने के कारण हवा और पानी प्रदूषित हो रहे थे।
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पहले भी वर्ष 2016, वर्ष 2021 और वर्ष 2023 में तीन टेंडर जारी किए जा चुके थे, और कुल 31 लाख टन कचरे का बायोमाइनिंग पूरा हो चुका है। इस प्रक्रिया पर महानगर पालिका ने 244 करोड़ 13 लाख रुपये खर्च किए हैं। पुणे मनपा की 15वें वित्त आयोग के तहत बायोमाइनिंग के लिए 154 करोड़ रुपये भी प्रदान किए गए हैं। पीएमसी का लक्ष्य न केवल डिपो को खाली करना है, बल्कि कचरे की समस्या का स्थायी समाधान कर पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित करना भी है।