(फाइल फोटो)
Pimpri Chinchwad News In Hindi: बढ़ती जनसंख्या के साथ-साथ पिंपरी-चिंचवड़ शहर में कचरे की मात्रा भी लगातार बढ़ रही है। इसी को ध्यान में रखते हुए महानगर पालिका ने मोशी कचरा डिपो में कचरे से बिजली उत्पादन (वेस्ट टू एनजीं) की दूसरी परियोजना शुरू करने का निर्णय लिया है।
इसके जरिए प्रतिदिन 1,000 टन सूखे कचरे का निपटारा होगा और प्रतिदिन 27 मेगावॉट बिजली उत्पादन संभव होगा। पर्यावरण विभाग का दावा है कि भविष्य में कचरे की समस्या नहीं रहेगी।
पिंपरी-चिंचवड़ शहर से घर-घर का कचरा इकट्ठा कर मोशी डिपो में फेंका जाता है। पिछले 35 वर्षों से जमा कचरे ने यहां 81 एकड़ क्षेत्र में कचरे के पहाड़ खड़े कर दिए हैं। इन्हें हटाने के लिए बायो-माइनिंग की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। वर्तमान में शहर की आबादी 30 लाख के पार पहुंच चुकी है और प्रतिदिन करीब 1,300 टन कचरा जमा हो रहा है। यह मात्रा दिन-ब-दिन बढ़ती जा रही है।
शहर में कचरे की समस्या गंभीर न हो, इसके लिए महापालिका ने ठोस कचरा प्रबंधन हेतु कई परियोजनाएं शुरू की हैं। मौजूदा कचरे से बिजली उत्पादन परियोजना सफल होने के बाद अब एक और परियोजना सार्वजनिक-निजी भागीदारी (DBOT) मॉडल पर शुरू करने की योजना बनाई गई है।
इसके लिए 1,050 करोड़ रुपये का खर्च अपेक्षित है। यह परियोजना 5 एकड़ क्षेत्र में स्थापित की जाएगी, जहां प्रतिदिन 1,000 टन कचरे को जलाकर 27 मेगावॉट बिजली तैयार की जाएगी। इसके लिए 1,500 टन क्षमता की मटेरियल रिकवरी फैसिलिटी (MRF) भी बनाई जाएगी। इस परियोजना की डीपीआर तैयार हो चुकी है और यहां से बिजली महानगर पालिका को सस्ती दरों पर उपलब्ध होगी। परियोजना में महानगर पालिका का 200 करोड़ रुपये का अंशदान रहेगा।
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इस समय कार्यस्त कचरे से बिजली उत्पादन परियोजना में रोजाना 700 टन कचरे से 14 मेगावॉट बिजली तैयार की जा रही है। इस पर 300 करोड़ रुपये का खर्च हुआ है और इसकी अवधि 21 वर्ष है। इसके अलावा होटल वेस्ट से सीएनजी तैयार किया जा रहा है। प्लास्टिक कचरे से ईंधन व कच्चा माल तथा गीले कचरे से कम्पोस्ट खाद बनाई जा रही है।