पुणे महानगरपालिका (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: महानगर पालिका (मनपा) चुनावों की रणभेरी बजते ही शहर की राजनीति में ‘वंशवाद’ का मुद्दा गरमा गया है। एक ओर जहां सभी प्रमुख दल ‘इलेक्टिव मेरिट’ और निष्ठावान कार्यकर्ताओं को प्राथमिकता देने का दावा कर रहे हैं।
वहीं दूसरी ओर धरातल पर कद्दावर नेताओं के रिश्तेदारों की लंबी कतार ने सामान्य कार्यकर्ताओं में बेचैनी पैदा कर दी है। शहर के राजनीतिक गलियारों में चर्चा है कि इस बार कम से कम 16 प्रभावशाली नेताओं के बेटे बेटियां और करीबी रिश्तेदार चुनावी समत में उतरने के लिए सक्रिय हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक, टिकटों के बंटवारे को लेकर मचे घमासान ने वरिष्ठ नेतृत्व की सिरददा बढ़ा दी है।
दशकों तक पार्टी का झंडा उठाने वाले और दरी बिछाने वाले कार्यकर्ता आज खुद को उपेक्षित महसूस कर रहे हैं। अगर केवल नेताओं के बच्चों को ही मौका मिलना है, तो आम कार्यकर्ता की मेहनत का क्या मूल्य रह जाता है?
– एक वरिष्ट कार्यकर्ता का दर्द
पार्टियों का आधिकारिक रुख यह है कि टिकट केवल जीतने की क्षमता और सामाजिक संपर्क के आधार पर दिया जाएगा। हालांकि, निष्ठावान कार्यकर्ताओं का आरोप है कि ‘मेरिट’ की बाते केवल दिखावा है।
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