ड्रग रैकेट (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: जहां एक ओर दुनिया आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) को विकास का भविष्य मान रही है, वहीं पुणे के आईटी हब हिंजवडी में इसका एक खौफनाक चेहरा सामने आया है।
यहां के एक पॉश इलाके में दो उच्च शिक्षित एमबीए डिग्री धारकों ने एआई की मदद से फ्लैट को ही ‘ड्रग्स फैक्ट्री’ बना डाला। खड़की पुलिस ने इस हाई-टेक ड्रग रैकेट का पर्दाफाश करते हुए 45 लाख रुपये का हाइड्रोपोनिक गांजा जब्त किया है।
एआई की मदद से बनाया ‘गांजा फार्म’: पकड़े गाए मुख्य आरोपी सुमित देदवाल और अक्षय मेहर (दोनों एमबीए स्नातक) ने हिजवडी में एक आलीशान एयर कंडीशनर फ्लैट किराए पर लिया था। यहां उन्होंने बिना मिट्टी के ‘ओजी कुश’ नामक उच्च गुणवत्ता वाले गांजे के उत्पादन के लिए उन्नत हाइड्रोपोनिक प्रणाली स्थापित की थी।
जांच में सामने आया है कि बिना किसी कृषि या रसायन विज्ञान की पृष्ठभूमि के, आरोपियों ने एआई-आधारित टूल्स का उपयोग करके पौधों की वृद्धि, पोषक तत्वों का प्रबंधन और तापमान नियंत्रण सीखा और उसे लागू किया।
पुलिस जांच के अनुसार, यह गिरोह पूरी तरह से डिजिटल और गुप्त तरीके से काम कर रहा था। कच्चे माल की खरीद और बिक्री के लिए क्रिप्टोकरेंसी का उपयोग किया जाता था। सप्लायरों से संपर्क करने के लिए डार्क वैब और सोशल मीडिया का सहारा लिया गया।
छापेमारी मैं पुलिस ने करीब 45 लाख रुपये मूल्य का गांजा और आधुनिक उपकरण बरामद किए है, मुंबई से जुड़े दो सप्लायरों और एक इंजीनियरिंग छात्र तुवार वर्मा को भी गिरफ्तार किया गया है।
पुलिस ने इस मामले में सुमित और अक्षय के अलावा तुषार वर्मा (एक इंजीनियरिंग छात्र) और मुंबई से दो अन्य सप्लायरों को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस उपायुक्त ने बताया कि आरोपियों ने महज दो महीने में घर के अंदर ही एक औद्योगिक स्तर की उत्पादन इकाई तैयार कर ली थी।
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पुलिस अब इस बात की जांच कर रही है कि उनके ग्राहक नेटवर्क में और कौन-कौन से हाई-प्रोफाइल लोग शामिल हैं। यह मामला तकनीक के खतरनाक दुरुपयोग का उदाहरण है, जहां एआई को अपराध का जरिया बनाया गया।