पुणे में हवा हुई प्रदूषित (सोर्स: सोशल मीडिया)
Pune Air Pollution: पुणे शहर की वायु गुणवत्ता लगातार चिंताजनक स्तर पर पहुंच रही है। पिछले कुछ हफ्तों से शहर का वायु गुणवत्ता सूचकांक (AQI) लगातार ‘मध्यम’ (101-200) से ‘खराब’ (201-300) श्रेणी में बना हुआ है। इस स्थिति के बावजूद, पुणे महानगर पालिका द्वारा ‘ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान’ (GRAP) के तहत अनिवार्य उपाय लागू नहीं किए जा रहे हैं, जिस कारण पर्यावरण विशेषज्ञों ने गहरी आपत्ति व्यक्त की है।
पुणे शहर के लिए तैयार किए गए ‘GRAP’ में ‘मध्यम’ और ‘खराब’ दोनों श्रेणियों को मिलाकर सात ठोस उपाय निश्चित किए गए हैं। इनमें यातायात को सुचारू रखने के लिए ट्रैफिक पुलिस की तैनाती, कचरा जलाने पर सख्त पाबंदी और दंडात्मक कार्रवाई और नियमों का पालन नहीं करने वाली जगहों पर काम बंद करने जैसे उपाय शामिल हैं। लेकिन शहर में स्थिति इसके विपरीत दिख रही है। शहर में अक्टूबर 2025 से 15 दिसंबर 2025 तक के लगभग 76 दिनों में से 48 दिन AQI ‘मध्यम’ श्रेणी में और दिसंबर महीने में 6 दिन ‘खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया।
पर्यावरण क्षेत्र के लिए काम करने वाले लोगों ने आरोप लगाया है कि AQI की सीमा बार-बार पार होने के बावजूद इसके अनुसार लागू किए जाने वाले ‘GRAP’ के चरणबद्ध उपाय शहर में प्रभावी ढंग से लागू नहीं किए जा रहे हैं। इस संबंध में जब महानगरपालिका के अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उन्होंने कोई जवाब नहीं दिया।
नागरिकों के लंबे समय तक वाहनों में फंसे रहने से प्रदूषित हवा में सांस लेनी पड़ रही है, गणेशखिंड रोड शहर के सबसे व्यस्त हिस्सों में से एक है लेकिन वहां ट्रैफिक पुलिस की कोई ठोस तैनाती दिखाई नहीं देती है। यही स्थिति शहर के कई अन्य हिस्सों में भी है। सर्दियों में प्रदूषक तत्व हवा में अधिक समय तक टिके रहते हैं। इसलिए छोटे बच्चों, वरिष्ठ नागरिकों और सांस की बीमारियों बाले लोगों के लिए खतरा बढ़ जाता है।
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पुणे एयर एक्शन हब के सदस्य रवींद्र सिन्हा ने कहा कि पुणे में पिछले कुछ वर्षों में निर्माण कार्य बड़े पैमाने पर बढ़े हैं, जो वायु प्रदूषण का एक प्रमुख कारण बन रहे हैं। मुंबई, नवी मुंबई और पिंपरी-चिंचवड महानगरपालिकाओं ने मुंबई उच्च न्यायालय के 2023 के जनहित याचिका निर्देशों के अनुसार प्रदूषण नियंत्रण के लिए दिशानिर्देश तैयार किए है। लेकिन पुणे महानगरपालिका अभी भी इन दिशानिर्देशों को तैयार करने में पीछे है। इन्हें तत्काल स्वीकार करके लागू करना जरूरी है।