पुणे पोर्शे कार एक्सीडेंट मामला (फोटो: सोशल मीडिया)
पुणे: पुणे की अदालत में पोर्श कार दुर्घटना मामले में छह आरोपियों की जमानत याचिकाओं का अभियोजन पक्ष ने विरोध किया और कोर्ट में दावा किया कि ये प्रभावशाली व्यक्ति हैं और मामले के कई प्रमुख गवाह उनसे डरते हैं। अगर जमानत दी गई तो आरोपी भगोड़े व्यवसायी नीरव मोदी और विजय माल्या की तरह देश से भाग सकते हैं। पुणे के कल्याणी नगर में 19 मई को दो आईटी पेशेवरों की उनकी मोटरसाइकिल को पोर्श कार द्वारा टक्कर मारने के कारण मौत हो गई थी। कथित तौर पर यह कार नशे में धुत एक नाबालिग द्वारा चलाई जा रही थी।
मिली जानकारी के अनुसार, जांच अधिकारी (आईओ) गणेश इंगले ने कोर्ट में कहा कि अगर जमानत दी गई तो आरोपी भगोड़े व्यवसायी नीरव मोदी और विजय माल्या की तरह देश से भाग सकते हैं। सहायक पुलिस आयुक्त इंगले ने बताया कि नाबालिग के ब्लड सैंपल बदलने की साजिश वडगांवशेरी इलाके के ईरानी कैफे में रची गई थी और आरोपी डॉ. अजय टावरे से संपर्क करके उसे पैसे का लालच दिया गया था।
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उन्होंने कहा, “हालांकि टावरे ने अन्य आरोपियों से कहा था कि वह सामने नहीं आएगा, लेकिन जांच से पता चलता है कि टावरे की पूरी साजिश में महत्वपूर्ण भूमिका है।” उन्होंने कहा कि षडयंत्र और अपराध कई स्थानों पर हुआ जैसे ईरानी कैफे, ससून जनरल अस्पताल, यरवदा पुलिस थाने, किशोर न्याय बोर्ड परिसर, डॉ. हेल्नोर का आवासीय परिसर आदि।
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इंगले ने अदालत को बताया, “इन स्थानों से गवाहों के बयान दर्ज किए जा रहे हैं। मामले की जांच व्यापक है और हम अन्य प्रमुख गवाहों की पहचान करने की कोशिश कर रहे हैं। जब गवाहों को बुलाया जाता है, तो वे आरोपी की पृष्ठभूमि के कारण जांच एजेंसी के पास आने से डरते हैं, क्योंकि आरोपी प्रभावशाली हैं।” इंगले ने अदालत को बताया कि अपराध इतना गंभीर था कि इससे प्रशासनिक और चिकित्सा प्रणाली में विश्वास कम हुआ।