शीतल तेजवानी और पार्थ पवार (सौजन्य-सोशल मीडिया)
Sheetal Tejwani FIR: महायुत्ति सरकार में डिप्टी सीएम अजित पवार के बेटे पार्थ पवार के जमीन घोटाले का पर्दाफाश होने के बाद अब पुलिस ने शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। इस मामले में पार्थ की कंपनी के साथ 40 एकड़ की जमीन का सौदा करने बाली शीतल तेजवानी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। इसके बाद से ही शीतल फरार है। वैसे तो यह दावा किया जा रहा है कि शीतल इस सौदे में पार्थ की पार्टनर भी है।
ऐसी रिपोर्ट है कि वह अपने पति के साथ विदेश भाग गई है। इस बारे में पुलिस ने इमिग्रेशन डिपार्टमेंट को सूचित कर पूरी डिटेल्स मांगी है। पुणे के कोरेगांव पार्क इलाके में 40 एकड़ जमीन घोटाले में शीतल की अहम भूमिका है। उन्होंने इस जमीन को हासिल करने पावर ऑफ अटॉर्नी का इस्तेमाल किया। ऐसे में पुलिस अब तेजवानी से पूछताछ करना चाहती है लेकिन गिरफ्तारी से बचने के लिए उसके विदेश भाग जाने की खबर है। हालांकि इसकी अभी आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है।
यह पहली बार नहीं है जब शीतल तेजवानी के खिलाफ धोखाधड़ी का मामला दर्ज किया गया है। साल 2018 में भी करोड़ों रुपये की सेवा विकास बैंक ऋण धोखाधड़ी में तेजवानी के पति सागर सूर्यवती और बाद में खुद तेजवानी के खिलाफ पूर्ण में एफआईआर दर्ज की गई थी।
2020 में सेवा विकास सहकारी बैंक ने इस मामले में सूर्यवंशी, तेजवानी और अन्य लोगों से जुड़ी कई सातिया कुर्क की थीं। तेजवानी को अब बंद हो चुकी कंपनी पैरामाउंट ड्रीमबिल्ड प्राइवेट लिमिटेड का निदेशक बताया गया है। जो कथित तौर पर इस घोटाले में शामिल बी, तेजवानी के पति सूर्यवंशी को प्रवर्तन निदेशालय ने 2023 में बैंक से 60.67 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में गिरफ्तार किया था।
सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक शीतल तेजवानी ने 272 जमीन मालिकों को झांसा देकर पॉवर ऑफ अटॉर्नी हासिल कर ली। इसके बाद उसने पार्थ की अमेडिया कंपनी को 1800 करोड़ रुपये की जमीन 300 करोड़ रुपये में बेचने का सौदा तय किया।
इस कंपनी में पार्थ की 99% भागीदारी है, जबकि मात्र एक प्रतिशत दिग्विजय पाटिल के पास है। पाटिल, पार्थ की मां सुनेत्रा पवार के भतीजे हैं। आरोप लगाया गया है कि इस विक्री में सरकारी भूमि पर स्वामित्व प्रतिबंधों का उल्लंघन किया गया है तथा स्टाम्प शुल्क को अवैध रूप से माफ कर दिया गया है।
जमीन घोटाले विवाद पर हड़कंप मचने के बाद अजित पवार ने इस सौदे की रद्द होने की घोषणा की है। लेकिन अब इसके लिए उनके बेटे पार्थ की कंपनी अमेडिया एंटरप्राइजेज को दोगुनी स्टांप ड्यूटी बानी करीब 42 करोड़ रुपए चुकाने होंगे। पंजीकरण और स्टांप विभाग ने कंपनी को सूचित किया है कि सौदे को रद्द करने के लिए 7% अतिरिक्त स्टांप ड्यूटी देनी होगी। इससे पहले इस जमीन सौदे पर 21 करोड़ की स्टाम्प ड्यूटी को माफ कर सिर्फ 500 रुपये की फीस ली गई थी।
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सीएम देवेंद्र फडणवीस ने विपक्ष के उस सवाल का जवाब दिया है, जिसमें अजित पवार के बेटे पार्थ का नाम एफआईआर में न होने पर सवाल खड़े किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि एफआईआर का मतलब प्रथम सूचना रिपोर्ट है। इसमें जिनके हस्ताक्षर होते हैं, उनके खिलाफ ही मामला दर्ज होता है।
इसलिए, कंपनी के अधिकृत हस्ताक्षरकर्ता के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है, जिसने यह सारा लेन-देन किया है। इसके साथ ही, सरकार ने उन लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज किया गया है जिन्होंने इस डील में मदद की। हम किसी को बचाने की कोशिश नहीं कर रहे हैं, किसी को बचाने का कोई कारण भी नहीं है। जो हुआ वह नियमों के अनुसार हुआ है।