NGT ने पुणे बिल्डर पर लगाया जुर्माना (pic credit; social media)
NGT fines on Pune builder: पर्यावरण की अनदेखी करने वाले बिल्डरों के खिलाफ कड़ा रुख अपनाते हुए नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) ने थेरगांव स्थित एक बिल्डर पर ₹2.55 करोड़ का भारी-भरकम जुर्माना ठोका है। यह मामला न केवल पुणे बल्कि पूरे महाराष्ट्र के निर्माण उद्योग में हलचल पैदा कर रहा है।
मिली जानकारी के मुताबिक, बिल्डर ने निर्माण कार्य के दौरान पर्यावरणीय मानकों की खुलकर अनदेखी की। निर्माण स्थल पर प्रदूषण नियंत्रण के उपाय नहीं किए गए, बारिश के पानी की निकासी और ग्रीन बेल्ट का ध्यान नहीं रखा गया, जिसके चलते स्थानीय पारिस्थितिक तंत्र पर सीधा असर पड़ा। NGT ने इन गंभीर चूकों को देखते हुए यह ऐतिहासिक कार्रवाई की है।
ट्रिब्यूनल ने न केवल जुर्माना लगाया बल्कि आदेश दिया कि निर्माण कार्यों की विस्तृत समीक्षा की जाए और तुरंत सुधारात्मक कदम उठाए जाएं। साथ ही, भविष्य में ऐसी घटनाओं को रोकने के लिए नियमित पर्यावरणीय ऑडिट करने की सख्त हिदायत दी गई है।
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स्थानीय नागरिकों और पर्यावरण कार्यकर्ताओं ने इस फैसले का स्वागत किया है। उनका कहना है कि अब तक बिल्डर बड़े प्रोजेक्ट्स के नाम पर पर्यावरण से खिलवाड़ करते आए हैं। लेकिन इस सख्त जुर्माने से साफ संदेश गया है कि नियम तोड़ने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।
विशेषज्ञों का मानना है कि यह फैसला केवल एक बिल्डर पर कार्रवाई नहीं है, बल्कि पूरे रियल एस्टेट सेक्टर के लिए चेतावनी है। “NGT का यह कदम बताता है कि पर्यावरण कानून सिर्फ कागज़ी नहीं हैं, बल्कि इनके उल्लंघन पर भारी आर्थिक और कानूनी परिणाम भुगतने होंगे,” एक पर्यावरण विशेषज्ञ ने कहा।
इस फैसले ने नागरिकों में भी उम्मीद जगाई है कि अब शहरों में हो रहे अव्यवस्थित विकास पर लगाम लगेगी। साथ ही, यह मामला बिल्डरों को याद दिलाता है कि विकास और पर्यावरण संरक्षण साथ-साथ चलने चाहिए। पुणे के लिए यह निर्णय एक मिसाल बन सकता है, क्योंकि यहां लगातार नई इमारतें खड़ी हो रही हैं और पर्यावरण पर दबाव बढ़ता जा रहा है।