अजित पवार और शंकर मांडेकर (सौ. सोशल मीडिया )
Shankar Mandekar Allegation On Ajit Pawar: भोरविधानसभा के विधायक शंकर मांडेकर ने मंत्री चंद्रकांत पाटिल पर पलटवार करते हुए कहा है कि किसी भी काम के लिए सबसे पहले पालकमंत्री अजित पवार की सहमति जरुरी होती है और उसके बाद ही वह मुख्यमंत्री के पास जाती है।
उन्होंने कहा कि यदि किसी फाइल पर अजित पवार के हस्ताक्षर नहीं होंगे, तो फाइल आगे बढ़ेगी ही नहीं। यह पूरा मामला भोर नगर परिषद चुनाव से जुड़ा है। राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के अजित पवार गुट के प्रचार का शुभारंभ भोर शहर के राजवाड़ा में संपन्न हुआ।
शुक्रवार की सुबह 11 बजे भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के प्रचार का भी शुभारंभ हुआ था। बीजेपी के शुभारंभकार्यक्रम के दौरान उच्च एवं तकनीकी शिक्षा मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने अपने भाषण में कहा था कि भोर में भले ही सत्ता अजित पवार की हो, लेकिन याद रखें कि राज्य के मुख्यमंत्री बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस हैं। इसलिए भोर की जनता को तय करना चाहिए कि उन्हें किसके साथ जाना है।
इसी बयान का जवाब देते हुए मांडेकर ने प्रवार के शुभारंभ के मौके पर कहा कि फाइल पर सबसे पहले हस्ताक्षर अजित पवार के होते हैं, इसके बाद ही फाइल आगे चढ़कर मुख्यमंत्री के पास जाती है। इस बात का ध्यान रखें कि अगर अजित पवार ने फाइल पर हस्ताक्षर नहीं किए, तो फाइल आगे नहीं बढ़ेगी।
इस दौरान, एनसीपी के नगराध्यक्ष पद के उम्मीदवार रामचंद्र आवारे ने जनता से वादा करते हुए कहा कि एक बार मौका दीजिए में भोरको बारामती बनाकर दिखाऊगा, अगर मैं विकास नहीं कर पाया, तो किर कभी राजनीति में नहीं आऊंगा, वहीं, रणजी शिवतारे ने कहा कि भोर में औद्योगिक विकास को कौन रोक रहा है, यह सब जानते हैं।
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खुद काम नहीं करना और दूसरों को भी काम नहीं करने देना, यहीं उनका रवैया है। इस बीच राष्ट्रवादी (शरद पवार गुट) के शहराध्यक्ष विट्टल शिंदे ने राष्ट्रवादी (अजित पवार गुट) को नगर पालिका चुनाव में बिना शर्त समर्थन देने की घोषणा की है।