इनकम टैक्स रेड (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: पुणे शहर में इनकम टैक्स विभाग की अब तक की सबसे बड़ी छापेमारी ने रियल एस्टेट जगत में भूचाल ला दिया है। सितंबर महीने में शहर के कुछ नामी बिल्डरों के खिलाफ आयकर विभाग ने समन्वित और गोपनीय अभियान चलाते हुए पुणे, पिंपरी चिंचवड़ और मुंबई में फैले करीब 35 परिसरों पर एक साथ छापेमारी की थी।
इस कार्रवाई में विभाग को 500 करोड़ रुपये से अधिक के अवैध ट्रांजेक्शन सम्बन्धी जानकारी और दस्तावेज प्राप्त हुए हैं। साथ ही लगभग 35 करोड़ से ज्यादा की नकदी भी अधिकारियों ने जब्त किये हैं। सूत्रों के मुताबिक यह छापेमारी दिल्ली मुख्यालय से मिले विशेष आदेशों के तहत की गई थी।
विभाग की जांच टीम पिछले तीन वर्षों से इन बिल्डरों की वित्तीय गतिविधियों पर नजर रखे हुए थी। इनकम टैक्स विभाग का शीर्ष नेतृत्व यह नहीं चाहता था कि छापेमारी से पहले बिल्डर अलर्ट हो जाएं और इसलिए गुप्त जांच के दौरान जब अवैध लेन-देन, नकद सौदे और बेनामी संपत्ति से जुड़े ठोस सबूत सामने आए, तब विभाग ने एक साथ सभी ठिकानों पर छापा मारने की रणनीति बनाई।
यह छापेमारी इतनी व्यापक थी कि पुणे में इसे विभाग के इतिहास की सबसे बड़ी कार्रवाई कहा जा रहा है। जानकारी के अनुसार, इस ऑपरेशन के लिए 40 अलग अलग टीमें गठित की गईं। इनमें 250 से अधिक अधिकारी और कर्मचारी शामिल थे। वहीं, सुरक्षा और लॉजिस्टिक सहायता के लिए लगभग 150 पुलिसकर्मियों की भी तैनाती की गई थी।
छापेमारी के दौरान बिल्डरों के दफ्तरों, आवासों और उनसे जुड़ी कंपनियों के दफ्तरों पर कार्रवाई की गई। सुबह-सुबह हुई इस छापेमारी ने बिल्डरों को पूरी तरह से चौंका दिया। इनकम टैक्स विभाग की प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि कई बिल्डरों ने जमीन की खरीद-फरोख्त और निवेश में बड़े पैमाने पर नकद लेन-देन और फर्जी कंपनियों के माध्यम से रकम का घुमाव किया।
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार छापेमारी के बाद यह भी सामने आया है कि कुछ बिल्डर अब अपने कारोबार से जुड़े संवेदनशील डेटा को कलाउड स्टोरेज के जरिए विदेश में रहने वाले रिश्तेदारों को भेजने लगे है, ताकि विभाग को उनके रिकॉर्ड तक पहुंब न मिले, हालांकि इनकम टैक्स विभाग ने इस तरह की गतिविधियों पर भी कड़ी नजर रखने और डिजिटल ट्रैकिंग की प्रक्रिया तेज करने की तरफ भी कार्य कर रहा है।
विभाग को 500 करोड़ रुपये से अधिक के संदिग्ध लेनदेन और लगभग 35 करोड़ रुपये की नकदी भी मिली है। इसके अलावा, कुछ ठिकानों से बेनामी संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज भी बरामद हुए हैं। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि, “छापेमारी के दौरान मिली जानकारी सिर्फ टैक्स चोरी नहीं, बल्कि संभवतः मनी लॉडिंग जैसी गंभीर आर्थिक अनियमितताओं की ओर भी इशारा करती है।”
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विभाग ने बिल्डरों के ठिकानों से सैकड़ों कंप्यूटर, हार्ड डिस्क, लैपटॉप, मोबाइल फोन और कागजात जब्त किए हैं। ये सभी उपकरण अब फॉरेंसिक जांच के लिए भेजे जायेंगे, ताकि छिपाए गए डिजिटल सबूतों और लेन-देन की जानकारी हासिल की जा सके। सूत्रों के अनुसार, जब्त किए गए दस्तावेजों और डिजिटल डेटा की मात्रा इतनी विशाल है कि विभागीय टीमें अगले दो महीनों तक इनका विश्लेषण करती रहेंगी।