भारी वाहन प्रवेश निषेध (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: पुणे शहर में डंपर, ट्रक और सीमेंट मिक्सर जैसे भारी वाहनों का बढ़ता आवागमन आम नागरिकों के लिए जानलेवा साबित हो रहा है। 7 फरवरी को ट्रैफिक पुलिस द्वारा घोषित ‘भारी वाहन प्रवेश निषेध’ सिर्फ कागजों पर ही सिमटकर रह गया है।
पीक ऑवर्स में भी ये बड़े वाहन बेरोकटोक शहर में घूम रहे हैं, जिससे लोगों में भारी गुस्सा है। खराडी, विमाननगर और शास्त्रीनगर चौक जैसे इलाकों में रोजाना यात्रा करने वाले नागरिकों का अनुभव डरावना है। खराडी की रहने वाली प्रभाकर्वे ने बताया, सुबह के समय डंपर रॉकेट की तरह चलते हैं। बच्चों को स्कूल छोड़ने में डर – लगता है।
पुलिस के मौजूद होने के बावजूद कोई कार्रवाई नहीं होती। सोमनाथनगर के प्रतीक शिंदे ने कहा है कि ओवरलोड ट्रकों से गिरने वाले पत्थरों और उड़ती धूल से कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। सड़कें मौत का जाल बन गई हैं।
विमाननगर के छात्र फरहान शेख ने बताया, डंपर अचानक कॉलेज के गेट के सामने आ जाते हैं। वे हॉर्न पर भी ध्यान नहीं देते। कई ड्राइवर मोबाइल पर बात करते हुए गाड़ी चलाते हैं, ऐसे में दुर्घटना के लिए कौन जिम्मेदार होगा? नागरिक सीधे तौर पर पुलिस पर मिलीभगत का आरोप लगा रहे हैं, जिससे वे इन खतरनाक गतिविधियों पर आंखें मूंद लेती है।
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इस गंभीर मुद्दे पर गुस्सा व्यक्त करते हुए, पुणे शहर जिला कांग्रेस कमेटी के अल्पसंख्यक विभाग के अध्यक्ष करीम चांद शेख और सोशल मीडिया विभाग के अध्यक्ष ने प्रशासन को सीधे चेतावनी दी है। उन्होंने कहा, अगर इन भारी वाहनों का अवैध संचालन बंद नहीं किया गया, तो हम सड़कों पर उतरेंगे। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि प्रशासन के पास जाकर अपील करने के बजाय वे सीधे शहर की सड़कों पर ‘रास्ता रोको आंदोलन’ करेंगे।