नवले ब्रिज (सौ. सोशल मीडिया )
Pune News In Hindi: पुणे-बेंगलुरु हाईवे पर ‘मौत का जाल’ बन चुके नवले ब्रिज क्षेत्र में बार-बार हो रहे हादसों से नाराज स्थानीय नागरिकों ने शुक्रवार को प्रशासन की आंखें खोलने और ध्यान खींचने के लिए आक्रामक महामृत्युंजय आंदोलन किया।
सामाजिक कार्यकर्ता भूपेंद्र मोरे के नेतृत्व में हुए इस आंदोलन ने प्रशासन की निष्क्रियता पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। प्रशासन की लापरवाही के कारण यह हाईवे साक्षात ‘यमराज बन चुका है। इस रास्ते को तोड़ने और हादसों की श्रृंखला को रोकने के लिए प्रदर्शनकारी एक जेसीबी लेकर यहां आए थे।
इस जेसीबी को उन्होंने ‘वैकुंठ रथ’ नाम दिया था। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि यह ‘वैकुंठ रथ’ इस ‘यम के जाल’ को तोड़ने निकला है। उनका कहना था कि नवले ब्रिज क्षेत्र में बार-बार निर्दोष नागरिकों की जान जा रही है फिर भी प्रशासन केवल अस्थायी मरहम पट्टी करने में लगा है।
कोई भी ठोस और स्थायी उपाय करने में यह प्रशासन पूरी तरह से विफल रहा है। इसी बीच केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने इस मसले पर चर्चा के लिए 16 दिसंबर को बैठक बुलाई है। स्थानीय नागरिकों ने स्वामी नारायण ब्रिज से नवले ब्रिज के महत्वपूर्ण खंड पर तत्काल एक पलाईओवर बनाने की बेहद महत्वपूर्ण मांग को एक बार फिर जोरदार तरीके से उठाया है।
प्रशासन के कानों तक आवाज पहुंचाने के लिए नारे लगाते हुए प्रदर्शनकारियों ने जेसीबी की मदद से हाईवे को खोदने का प्रयास किया। इस दौरान पूरा क्षेत्र नारों से गूंज उठा। कई प्रदर्शनकारियों ने प्रशासन के इस अमानवीय व्यवहार का विरोध करने के लिए खुद को हथकड़ियों में जकड़ लिया था और उसी अवस्था में शांतिपूर्वक आंदोलन कर रहे थे।
ट्रैफिक जाम और दुर्घटनाओं की दर कम करने के लिए मुख्य सड़क का डामरीकरण किया गया है। सर्विस रोड पर तीसरी लेन उपलब्ध कराई गई है। सड़क की चौड़ाई बढ़ने से वाहन चालकों को समय की बचत होगी, यात्रा का समय कम होने से बड़ी राहत मिलेगी।
– संजय कदम, परियोजना निदेशक, राष्ट्रीय महामार्ग प्राधिकरण, पुणे
इस आंदोलन के बाद 15 दिसंबर को नेशनल हाईवे कार्यालय में इस संबंध में एक संयुक्त बैठक बुलाई गई है। बैठक समन्वयक सुभाष घंटे ने बताया कि पहली बार स्थानीय नागरिकों को आधिकारिक तौर पर अपने मुद्दे रखने का मौका दिया जाएगा और उस पर आधारित प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा जाएगा।
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16 दिसंबर को केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने भी आंदोलनकारियों के साथ इस विषय पर एक अलग बैठक बुलाई है। इन बैठकों में एलिवेटेड रोड, सर्विस रोड में सुधार और सुरक्षा उपायों के लिए निर्णायक निर्णय लिए जाने की उम्मीद है।