
चंद्रशेखर बावनकुले (सौ. सोशल मीडिया )
Chandra Shekhar Bawankule On Parth Pawar: मुंढवा स्थित विवादित जमीन खरीद मामले में उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के पुत्र पार्थ पवार की कंपनी अमेडिया प्रा। लि। को 42 करोड़ रुपए के स्टॉम्प ड्यूटी की नोटिस जारी की गई है।
इस पर राजस्व मंत्री चंद्रशेखर बावनकुले ने सवाल उठाया है और पूछा है कि जब यह जमीन का सौदा रद्द करना है तो 42 करोड़ की नोटिस क्यों दी गई?” उन्होंने बताया कि इसकी जानकारी आयजीआर से मांगी हैं।
बावनकुले बुधवार को भाजपा की पुणे स्थित कार्यालय में बैठक के लिए पहुंचे थे। पत्रकारों से बात करते हुए उन्होंने कहा कि मुंढवा की सरकारी जमीन के खरीद-बिक्री सौदे में जो लोग प्रारंभिक तौर पर दोषी दिखे हैं।
उन पर तुरंत कार्रवाई की गई है। इस मामले की जांच के लिए वरिष्ठ अधिकारियों की एक समिति गठित की गई है, जिसे एक महीने में रिपोर्ट देने के निर्देश दिए गए हैं, रिपोर्ट आने के बाद पूरी स्थिति स्पष्ट होगी और अगर कोई और दोषी पाया गया तो उस पर भी कड़ी कार्रवाई होगी।
राजस्व मंत्री ने कहा कि इस जांच में किसी भी प्रकार का दबाव नहीं रहेगा। जांच पूरी तरह निष्पक्ष होगी। रिपोर्ट आने से पहले टिप्पणी करना जांच प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। बोपोडी स्थित जमीन सौदे में पार्थ पवार के कहीं भी हस्ताक्षर नहीं हैं। फिर भी राजस्व विभाग और पुलिस विभाग स्वतंत्र रूप से जांच कर रही हैं। ‘किसी भी प्रकार का पक्षपात नहीं होगा, क्योंकि सारे सबूत दस्तावेजों के रूप में मौजूद हैं।
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शीतल तेजवानी द्वारा इस मामले में अदालत का दरवाजा खटखटाने पर बावनकुले ने कहा, या सरकारी संपति की खरीद-बिक्री का मामला है। इसलिए सरकार अदालत में अपनी बात मजबूती से रखेगी। इस बीच, सूचना अधिकार कार्यकर्ता अंजलि दमानिया ने इस जमीन सौदे की तुलना सिंचाई विभाग के घोटाले से करते हुए आरोप लगाया कि यह जमीन घोटाला भी दबा दिया जाएगा। इस पर बावनकुले ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि अंजली दमानिया और उनका प्रतिनिधिमंडल मुझसे मिले थे। उनके पास जो भी दस्तावेज या सबूत हैं, वे जांच समिति के समक्ष पेश किए जाएंगे।






