
पुणे महानगरपालिका (सौ. सोशल मीडिया )
Pune Municipal Election 2026 : आगामी पुणे महानगरपालिका चुनाव से पहले भाजपा के भीतर मची हलचल अब खुलकर सामने आने लगी है।
टिकट वितरण को लेकर संभावित असंतोष और बगावत की आशंका को देखते हुए पार्टी ने फिलहाल उम्मीदवारों की आधिकारिक सूची जारी करने से कदम पीछे खींच लिए हैं।
इसके बजाय, भरोसेमंद नेताओं को सीधे फोन कॉल या पत्र के जरिए नामांकन दाखिल करने के संकेत दिए जा रहे हैं। पार्टी सूत्रों के अनुसार, पीएमसी की 165 सीटों के लिए भाजपा को ढाई हजार से अधिक आवेदन मिले हैं।
यदि एकसाथ पूरी सूची सार्वजनिक की जाती, तो बड़ी संख्या में नाराज दावेदार निर्दलीय मैदान में उतर सकते थे या विरोधी दलों का रुख कर सकते थे। इसी नुकसान से बचने के लिए नेतृत्व ने ‘डैमेज कंट्रोल मोड’ अपनाया है।
चुनाव संयोजक गणेश बिडकर ने भी स्वीकार किया कि पार्टी से संकेत मिलने के बाद ही उन्होंने नामांकन भरा है। इसी तरह कई अन्य उम्मीदवारों को व्यक्तिगत रूप से हरी झंडी दी गई है, जबकि अंतिम सूची को लेकर सस्पेंस बरकरार है।
टिकट वितरण की प्रक्रिया ने पार्टी के भीतर नए पावर सेंटर भी उजागर कर दिए हैं। कोथरूड समेत कई इलाकों में मुरलीधर मोहोल का प्रभाव स्पष्ट दिख रहा है। उनके समर्थकों के साथ-साथ अन्य दलों से आए ‘आयातित’ नेताओं को भी टिकट मिलने से कुछ वरिष्ठ गुटों में नाराजगी बढ़ी है।
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जैसे ही पार्टी ने एबी फॉर्म देना शुरू किया, असंतोष खुलकर सामने आ गया। टिकट से वंचित पूर्व नगरसेवक धनंजय जाधव और शंकर पवार ने भाजपा छोड़कर उपमुख्यमंत्री अजीत पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी का दामन थाम लिया। बताया जा रहा है कि कई और नेता भी पाला बदलने की तैयारी में हैं।
2017 में भारी बहुमत से सत्ता में आई भाजपा के लिए इस बार राह आसान नहीं दिख रही। गुटबाजी और संभावित बगावत ने ‘मिशन पुणे’ को कठिन बना दिया है।






