पुणे में बिखरी कांग्रेस, संग्राम थोपटे का आखिर इस्तीफा। (सौजन्यः सोशल मीडिया)
पुणे: पिछले कई दिनों से चर्चा में चल रहे पुणे जिले के पूर्व कांग्रेस विधायक संग्राम थोपटे ने अपना इस्तीफा दे दिया है। भाजपा में शामिल होने की चर्चा के बाद थोपटे ने आज इस्तीफा दे दिया। थोपटे का इस्तीफा कांग्रेस के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। संग्राम थोपटे ने अपना इस्तीफा कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष हर्षवर्ध्धन सपकाल को ईमेल के जरिए सौंपा है। इसके बाद थोपटे ने भोर के सभी कांग्रेस कार्यकर्ताओं को आमंत्रित किया है और रविवार को एक रैली आयोजित की जाएगी। अब सबकी नज़रे इसी पर टिकी हुई है कि संग्राम थोपटे क्या निर्णय लेते हैं।
बता दें कि संग्राम थोपटे के पिता भोर विधानसभा क्षेत्र से 6 बार विधायक चुने गए हैं। पुणे जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता अनंतराव थोपटे महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। वह 14 वर्षों तक राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री रहे हैं। अनंतराव थोपटे के बाद उनके पुत्र संग्राम थोपटे भी इसी भोर विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार विधायक रहे हैं। महा विकास अघाड़ी सरकार के दौरान विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए नाना पटोले का नाम काफी चर्चा में रहा था, जो उनके कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष बनने के बाद खाली हुआ था।
संग्राम थोपटे की उपस्थिति में एक महत्वपूर्ण बैठक होगी, जिसमें भोर तालुका कांग्रेस कमेटी, भोर तालुका महिला कांग्रेस कमेटी, भोर तालुका युवा कांग्रेस कमेटी, भोर शहर कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और सभी सेल अध्यक्ष, सभी उपाध्यक्ष और साथ ही पदाधिकारी, कार्यकर्ता, पुणे जिला परिषद के माननीय सदस्य, भोर तालुका पंचायत समिति के माननीय अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सदस्य, राजगढ़ सहकारी चीनी कारखाने के निदेशक, भोर तालुका कृषि उत्पन्न बाजार समिति के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सभी निदेशक, भोर तालुका खरीद और बिक्री संघ के अध्यक्ष, उपाध्यक्ष और सभी निदेशक, श्रीदत्त दिगंबर परिवहन संघ के अध्यक्ष और सभी निदेशक, अध्यक्ष और निदेशक, भोर नगर पालिका के माननीय महापौर, उप महापौर, सभी नगरसेवक, गांव के सरपंच और उप सरपंच शामिल होंगे। बैठक रविवार 20 तारीख को प्रातः 11 बजे अनंतराव थोपटे कॉलेज फार्मेसी हॉल में आयोजित की जाएगी।
महाराष्ट्र से जुड़ी खबरें पढ़ने के लिए इस लिंक पर क्लिक करें…
इसी बीच राज्य में कांग्रेस अध्यक्ष हर्षवर्धन सपकाल ने कहा कि पार्टी उन्हें विधानसभा स्पीकर बनाना चाहती थी। उन्होंने कहा कि कांग्रेस पार्टी थोपटे को विधानसभा स्पीकर के पद पर देखना चाहती थी लेकिन देवेंद्र फडणवीस ने ऐसा होने नहीं दिया। सपकाल ने कहा, थोपटे के साथ देवेंद्र फडणवीस ने अन्याय किया है। उन्हें फडणवीस से बिल्कुल प्रभावित नहीं होना चाहिए।
बता दें कि थोपटे ने सोशल मीडिया हैडल्स की कवर इमेज से कांग्रेस का लोगो हटा लिया था। पुणे में भोर से विधायक थोपटे को बीजेपी में जाने से रोकने के लिए कांग्रेस प्रयास कर रही है। सपकाल ने कहा कि थोपटे को अपने परिवार की परंपरा को बनाए रखना चाहिए। कांग्रेस नेता ने कहा, अगर संग्राम थोपटे को विधानसभा का स्पीकर बना दिया गया होता तो यह स्थिति पैदा ही नहीं होती। इसके लिए फडणवीस जिम्मेदार हैं। उन्होंने कहा कि थोपटे को कोई भी ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए जिससे कि गलत संदेश जाए।
संग्राम थोपटे के पिता भोर विधानसभा क्षेत्र से 6 बार विधायक चुने गए हैं। पुणे जिले के वरिष्ठ कांग्रेस नेता अनंतराव थोपटे महाराष्ट्र के शिक्षा मंत्री रह चुके हैं। वह 14 सालों तक राज्य मंत्रिमंडल में मंत्री रहे हैं। अनंतराव थोपटे के बाद उनके पुत्र संग्राम थोपटे भी इसी भोर विधानसभा क्षेत्र से लगातार तीन बार विधायक रहे हैं। महा विकास अघाड़ी सरकार के दौरान विधानसभा अध्यक्ष पद के लिए इनका नाम काफी चर्चा में रहा था। सूत्रों की मानें तो बीजेपी में अपनी जिम्मेदारी को लेकर थोपटे ने पार्टी के कद्दावर नेता और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मुलाकात की थी।